बुरहानपुर दस्तक मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा राज्य ओपन स्कूल के स्थान पर अब मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के नाम से 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करता है जिसमें विद्यार्थी एक से अधिक बार बोर्ड की परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो सकता है इस परीक्षा के लिए मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों से हर बार भारी भरखम परीक्षा फीस तो वसूल करता है परंतु विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने पर ही मार्कशीट जारी की जाती है जबकि अनुत्तीर्ण होने पर भी मार्कशीट जारी करना चाहिए साथ ही परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को रिचेकिंग का कोई ऑप्शन नहीं दिया जाता मार्कशीट नहीं मिलने के चक्कर में विद्यार्थियों को अनेकों बार परीक्षा देनी होती है जिससे उनके पालकों पर आर्थिक भार पड़ता है बोर्ड अथवा किसी भी यूनिवर्सिटी का नियम है कि विद्यार्थी के परीक्षा में शामिल होने पर उसके परीक्षा परिणाम की मार्कशीट अवश्य जारी की जाती है परंतु यहां ऐसा नहीं कर विद्यार्थियों का मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है साथ ही एक से अनेक बार परीक्षा देने पर भी पास नहीं होना बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है यहां देखा यह गया है कि विद्यार्थी एक ही विषय की परीक्षा अनेक बार दे रहे हैं फिर भी उन्हें पहले से कम नंबर देकर फेल किया जा रहा है जो जांच का विषय है मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से बुरहानपुर सहित पूरे प्रदेश में हजारों विद्यार्थी वर्ष में दो बार परीक्षा में शामिल होते हैं जिनसे स्कूल शिक्षा बोर्ड लाखों रुपए फीस के रूप में वसूल करता है परंतु उनके उत्तीर्ण होने पर मार्कशीट जारी नहीं कर बोर्ड ऐसे विद्यार्थियों के साथ अन्याय कर रहा है जिस पर स्कूल शिक्षा विभाग को ध्यान देना चाहिए ऐसे विद्यार्थी जो अनुत्तीर्ण होते हैं वह मार्कशीट के अभाव में किसी अन्य बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने की पात्रता पूरी नहीं कर पाते हैं और उन्हें पुनः राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से ही परीक्षा में शामिल होने पर मजबूर होना पड़ता है जो उनके मूल अधिकारों का हनन है बोर्ड को चाहिए कि वह अनुत्तीर्ण होने पर भी मार्कशीट जारी कर उन्हें न्याय दिलाए।