बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) पावर लूम की उद्योग नगरी बुरहानपुर में यह उद्योग गृह उद्योग के रूप में संचालित होता है यहां लगभग 40 हज़ार विद्युत करखों का संचालन घरों से होता है जिसमें घर परिवार के सभी लोग भागीदारी निभाते हैं इस उद्योग के घरों से संचालित होने से परिवार के लोग श्वास की बीमारी टीवी और दमे के रोग में मुब्तिला होने से सरकार के द्वारा उनके इस व्यवसाय के कारखानों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजनाएं बनी पर उन पर अमल नहीं हुआ कांग्रेस सरकार में बनी इन योजनाओं पर अमल तो नहीं हुआ इसी बीच सरकार बदली और भाजपा का शासनकाल आया इस योजना पर भाजपा ने अपने तरीके से काम कर उद्योगपतियों को नए कारखाने लगाने के नाम पावर लूम कलस्टर के नाम से एक नगर को विकसित किया लेकिन इससे पावर लूम व्यवसाय से जुड़े पुराने उद्यमियों को कोई लाभ नहीं मिला वह पहले की तरह अपने विद्युत करघों पर काम करने को मजबूर हैं कांग्रेस ने एक बार फिर पावरलूम बुनकरों के लिए शहर से बाहर कारखाने बनाने के लिए जमीन दिए जाने की मांग की है इस संबंध में कांग्रेस शहर अध्यक्ष अजय रघुवंशी के साथ इकराम उल्लाह अंसारी व अन्य ने कलेक्टर से मुलाकात कर पावरलूम व्यवसाय से जुड़े बुनकरों की समस्याओं पर चर्चा की और मांग की कि इन बुनकरों को शहर से बाहर जमीन उपलब्ध कराई जाए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की इस मांग पर जिला कलेक्टर दिव्य मित्तल ने संज्ञान लेते हुए पावरलूम कारखानों में पहुंचकर बुनकरों की स्थिति को जाना तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उद्योग विभाग के एमडी को निर्देश दिए कि वह शहर के बाहर जमीन तलाश कर प्रस्ताव तैयार करें कलेक्टर की इस पहल से बुनकरों को उम्मीद बंधी है कि आने वाले समय में उनके उत्थान के लिए कोई काम होगा।