मरीजों को सुविधाएं नहीं अफसरों को कायाकल्प की चिंता बढ़ते हैं उनके नंबर

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में साफ सफाई और मेंटेनेंस के नाम पर वर्ष भर में कायाकल्प जैसे निरीक्षण कर अस्पतालों को रेटिंग देता है जिससे अफसरों के नंबर बढ़ते हैं कायाकल्प की टीम के आने से पूर्व तो अस्पताल और वार्ड को चकाचक चमकाया जाता है बाकी पूरे वर्ष भर गंदगी और सफाई के अभाव में यहां भर्ती होने वाले मरीज समस्याओं से झुंजते रहते हैं अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अनेक विभागों में वर्षों से विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं कुछ संविदा पर तो कुछ एन एच एम से जुटाकर अस्पताल का बाहरी रोग विभाग को संचालित किया जा रहा है 6 हज़ार से अधिक आबादी वाले जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया जैसे डॉक्टर का नहीं होना अस्पताल प्रशासन को मुंह चढ़ा रहा है जिला अस्पताल होने के नाते यहां प्रतिदिन दर्जनभर से अधिक ऑपरेशन मामूली बात है इसके लिए बाहर से बेहोशी के डॉक्टर को चार हज़ार प्रति ऑपरेशन के मान से बुलाकर पेमेंट देना होता है ऐसे अनेकों कमियां इस जिला अस्पताल में है जिनसे जनप्रतिनिधियों ने भी मुंह मोड़ रखा है कभी-कभी नेताओं के भ्रमण में शिकायतें मिलती है तो नेता आश्वासन का डोज़ देकर चलते बनते हैं यही स्थिति स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के दौरे में भी सामने आई है कायाकल्प जैसे प्रोग्राम के माध्यम से इन समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए इस गारंटी के साथ की अगले वर्ष के निरीक्षण से पूर्व समस्या का समाधान हो जाए केवल अस्पताल का निरीक्षण कर अच्छे मार्क्स देकर केवल अधिकारियों के नंबर बड जाते हैं यहां आने वाले मरीजों को ऐसे निरीक्षण से स्थाई रूप से कुछ हाथ नहीं आता जिस पर निरीक्षण करने आने वाली टीम को इस पर भी ध्यान देना होगा केवल सब कुछ अच्छा देख ओके कह देने से मरीजों की परेशानी दूर नहीं होगी कायाकल्प टीम का निरीक्षण ऐसा है जैसे चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।

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