बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) प्रदेश का बुरहानपुर शहर उर्दू भाषी अल्पसंख्यक क्षेत्र है यहां शासकीय और अशासकीय 32 से अधिक स्कूल और 20 से अधिक मदरसे संचालित हैं जिनमें तीस हज़ार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है लेकिन अगर उर्दू शिक्षकों की बात करें तो लगभग 60% से अधिक उर्दू शिक्षकों की कमी है तथा उर्दू भाषी विद्यार्थियों के लिए किताबें भी शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं ऐसे में उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है उर्दू माध्यम के स्कूलों में हिंदीभाषी टीचर की नियुक्ति आम बात हो गई है इसको लेकर अनेक बार सरकार के प्रतिनिधियों का ध्यान भी आकर्षित कराया गया परंतु कोई परिणाम सामने नहीं आए हैं और यही कारण है कि उर्दू माध्यम के विद्यार्थियों का रिजल्ट भी प्रभावित हो रहा है इसी को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर शिक्षा विभाग का ध्यान आकर्षित किया है लेकिन यह पहला अवसर नहीं जब शिक्षा विभाग और सरकार को आईना दिखाया गया है प्रदेश का बुरहानपुर जिला उन जिलों में शामिल है जहां मतदाताओं की वोटर लिस्ट को उर्दू में प्रकाशित किया जाता है भोपाल जबलपुर बुरहानपुर में सर्वाधिक स्कूले हैं यहां मुस्लिम अल्पसंख्यक बच्चे तालीम हासिल करते हैं यहां 32 से अधिक शासकीय और अशासकीय स्कूल है लेकिन सरकार ध्यान नहीं देने से स्कूलों की हालत खराब है शिक्षकों की कमी उर्दू भाषा की किताबों का नहीं होना यह एक ऐसा मसला है जिससे छात्राएं आए दिन पीड़ित हैं परंतु जिम्मेदार हैं कि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं यहां उर्दू स्कूलों की हालत भी कुछ खास नहीं है बैठने को फर्नीचर की कमी परसाधनों की कमी यह ऐसी समस्या है जिनसे छात्र-छात्राओं का रोज़ सामना करना पड़ता है इन समस्याओं पर अगर सरकार और विभाग ध्यान दें तो कुछ हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।