भाजपा की गुटीय राजनीति के चलते कॉन्ग्रेस ने मारी बाजी

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) नेपानगर नगर पालिका परिषद में एक दशक के बाद कॉन्ग्रेस सत्ता में लौटी है चुनाव की घोषणा होने के साथ कांग्रेस ने अध्यक्ष घोषित कर दिया था जिसका भरपूर लाभ यहां कांग्रेस को मिला है वही भाजपा में गुटीय राजनीति के चलते अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पाई और परिणाम यह रहा की उसे अध्यक्ष पद के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा नगर पालिका परिषद में 24 वार्ड हैं जिसमें से भाजपा को 10 कांग्रेश को 12:00 और 2 सीट निर्दलीयों ने हासिल की थी।बाद में दोनों निर्दलीयों ने भाजपा को समर्थन देकर अध्यक्ष के इस मुकाबले को रोचक बना दिया था। शनिवार को अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेश की ओर पहले से भारती पाटील का नाम तय था परंतु भाजपा के पैनल में चंचला यादव मीना राजेश चौहान और वैशाली पाटील के नाम होने से अंतिम समय तक कोई आपसी सहमति नहीं बनी आखिरकार भाजपा ने आखिर में मीना चौहान के नाम पर दाव खेला मगर जब अध्यक्ष को लेकर 24 पार्षदों के बीच मतदान हुआ तो कांग्रेस को 15 और भाजपा को 9 मत प्राप्त होने से कांग्रेस की भारती विनोद पाटील ने जीत हासिल कर ली। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि गुटिय राजनीति के चलते सपोटेज़ हुआ और तीन भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस को वोट दिया दरअसल भाजपा जिले में तीन गुटों में बटी हुई है जिसके चलते उसे ऐसे अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिले वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद उपाध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होकर भाजपा की सरला प्रवीण काटकर को उपाध्यक्ष बनाया गया नेपानगर में कांग्रेश दस वर्षों के बाद सत्ता में लौटी है कांग्रेस की अध्यक्ष निर्वाचित हुई भारती विनोद पाटिल ने इस जीत का श्रेय क्षेत्र की जनता और कांग्रेस नेतृत्व को देते हुए कहा कि उनका पूरा फोकस रोजगार पर होगा।

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