समाज को साम्प्रदायक्ता और नफरत से मुक्त रखने के लिए भारतीय नागरिको की समान भूमिका होनी चाहिए

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) देश में बढता सहिष्णुता का वातावरण एक दूसरे में नफरत को बढावा दे रहा है। जिस से विघटनकारी शक्तियों को बढावा मिल रहा है, भारत देश का हिंदु मुसलमान चक्की के दो पाट के समान है फिर भी विघटनकारी शक्ति देश के अमन चेन को तार तार करने में लगी है, भारत की एकता और अखंडता की देश में ऐसी हजारों मिसाल है जहां हिन्दुओं ने मस्जिदों और मजारात के लिए अपनी सेवाऐ देकर भूमि दान की है, वहीं ऐसी भी मिसाल इस देश में कायम है जहां मुसलमानों ने मंदिरो के विस्तार को लेकर अपनी भूमिदान की है, यह उदाहरण पूरब से पच्छिम तक देखने को मिलते है, इस देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए सहिष्णुता की आवश्यक्ता है, भारत देश विभिन्न जाति धर्मो का देश है, यहां चाहिए बिहार हो या फिर बैंगलूरू ऐसे शहर है जहां हिंदु मुस्लिम एकता के लिए किसी ने अपने बडे कारोबार में से बेश कीमती जमीन मंदिरों के लिए दान की तो वहीं ऐसे भी मिसाल है जहां मस्जिद और मजारात की देख रेख की जिम्मेदारी उठाकर भाईचारे साम्प्रदायक एकता की मिसाल पैदा की है। इस के बावजूद विघटनकारी शक्तियों के चुंगल में फसकर आज देश के हालात चक्की की दो पाट से अलग होते नजर आ रहे है जो देश को बर्बादी की ओर ले जाने के मुंहाने पर खडे है। इस देश की सदीयों पुरानी परंपरा आपसी भाईचारा एक दूसरे के तीज त्यौहारों को मिल जुलकर मनाना देश की संस्कृति में शामिल है फिर भी साम्प्रदायक्ता फैलाने वाली शक्तियां देश को बांटने का काम कर रही है। इस के लिए जरूरी हो गया है कि देश के सभी नागरिकों की भूमिका समान होनी चाहिए हिन्दु मुस्लिम की यह राजनीति इस देश की पहचान नही हो सकती इस के लिए यह अवश्यक है कि हमे समान विचारों के साथ रहकर तरक्की की बात करनी चाहिए देश को बांटने की बात तो बहुत कि जाती है पर देश और देशवासीयों को आपस में जोडकर रखना ही देश की शान होगी, हिन्दुस्तान में नफरत की राजनीति को कोई जगह नही है।

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