बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मुस्लिम लीग और एआईएमआईएम की ओर से कलेक्टर की जनसुनवाई में राज्यपाल के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन कलेक्टर को देकर मांग की गई है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपने पद से बर्खास्त करे वह संवैधानिक पद पर बैठकर प्रदेश के साम्प्रदायक स्वहाई को कायम नही रख सके जिस का उदाहरण खरगोन का सम्प्रदायक दंगा और सेंधवा की घटना है। यहां मुसलमानो को तारगेट कर मुकदमे बनाकर उन्हें दंगो का जिम्मेदार बताया गया है, जब कि होना यह चाहिए कि इस दंगे की न्यायिक जांच कराई जाना चाहिए, ज्ञापन के सम्बंध में मुस्लिम लीग के प्रदेश महासचिव अधिवक्ता जहीर उददीन अर्श ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के दबाव में ऐसे लोगों के नाम भी खरगोन दंगे की लिस्ट में है जो पहले से ही जेल में बंद है लेकिन इस दंगे में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अपना संवैधानिक विवेक खाु चुके है उन्हें बर्खास्त कर इस दंगे की न्यायिक जांच कराई जाऐ तो पूरा सच सामने आ जाऐगा। यहां उन्होने यह भी बताया कि इतिहास उठाकर देखे तो कभी रामनवमी हनुमान जयंती पर खरगोन में दंगे नही हुए यह भाजपा सरकार की सोची समझाी रणनीति का ही परिणाम है कि यह दंगा हुआ, क्युं कि भाजपा अपने 17 वर्षो के कार्यकाल में युवाओं को रोजगार प्रदेश का विकास नही कर पाई है महंगाई चर्म पर है, इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नही है। अपनी इन नाकामीयों को छुपाने के उददेश से हिन्दु मुस्लिम के बीच नफरत फैलाकर और दंगे कराकर सत्ता में बनी रहना चाहती है, इस लिए राज्यपाल से अनुरोध है कि वह इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराकर दोषीयों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही करे तथा समुदाय विशेष मुसलमानो को निशाना बनाकर उनकी सम्पत्ति को बिना जांच पडताल तोडने की कार्यवाही पर रोक लगाऐ।