गव वंश सुर्पुद नामा मामले में आरटीआई खुलासे के बाद हिन्दु संगठन सकते में की जांच की मांग

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) गव वंश के परिवाहन होने पर हिन्दु संगठन प्रभावी कार्यवाही कराते हुए उन्हें पकड गव शालाओं के हवाले कर संतोष महसूस करते है लेकिन जब इन गव शालाओं से ही गव वंश की अफरा तफरी होकर अमानत में खयानत जैसा अपराध सामने आऐ तो इस के लिए क्या? पिछले दिनों मुस्लिम लीग के प्रदेश महासचिव एंव अधिवक्ता जहीर उददीन शेख ने जिले की गव शालाऐं जो शासन से अनुदान प्राप्त है उनको दिए गए गव वंश की जानकारी पुलिस और पशु चिकित्सा विभाग से निकाली तो खुलासा हुआ कि वर्ष 2015 से 2022 के दरमियान जिले के 8 थाना क्षेत्रों के अन्तर्गत 4484 गव वंश जिले की विभिन्न गव शालाओं को सुर्पदनामे पर दिए गए लेकिन जब पुलिस विभाग से पूछा गया तो अधिकृत रूप से बताया गया कि गव शालाओं में केवल 451 ही गव वंश मौजूद है, शेष 4033 गव वंश कहां गए कुच्छ पता नही। मुस्लिम लीग के प्रदेश महासचिव जहीर उददीन शेख की इस सम्बंध में ली गई पत्रकार वार्ता में खुलासे के बाद हिन्दु संगठन सकते में आ गए है और अफरा तफरी किए गए गव वंश घोटाले के जिम्मेदार गव शालाओं के खिलाफ जांच को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर पूरे मामले की जांच की मांग की है, वहीं अधिवक्ता जहीर उददीन शेख ने पुलिस से मांग की है कि गव शालाओं के संचालको पर अमानत में खयानत का मुकदमा कायम किया जाऐ। ज्ञात हो कि बुरहानपुर जिला महाराष्ट्र सीमा से लगा जिला है यहां मुख्य मार्ग से वाहनो का आवागवन होता है जिस में पशु परिवाहन के भी वाहन होते है। हिन्दु संगठनो के द्वारा ऐसे वाहनो को पुलिस के सहयोग से पकड सभी गव वंश को जिले की विभिन्न गव शालाओं को सुर्पद नामे पर दिया जाता है तथा वाहन और वाहन चालक पर पशुकू्रता एंव अवैध रूप से पशु परिवाहन के केस बनाकर उन्हें जेल भेज दिया जाता है लेकिन आरटीआई के इस खुलासे के बाद यह साफ हो चुका है कि गव वंश गव शालाओं में भी सुरक्षित नही है यहां रखे गए पशुओं के साथ भी खिलवाड कर उनकी दोबारा अफरा तफरी कर कोई बडा खेल गव वंश सुरक्षा के नाम पर खेला जा रहा है, जिस की उच्च स्तरीय जांच की जाना चाहिए।

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