भागवत कथा से मन पवित्र होता हैं, इससे हमारा धन और तन भी पवित्र हो जाता है

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) परिणय बंधन में बंधने के बाद से ही परिक्षा प्रारंभ होती हैं। यह जीवन भवसागर हैं इसमें दुख और सुख दोनों हैं। इस मनुष्य रूपी जीवन में हमें किमती समय मिला हैं इसमें हमें आत्म कल्याण के लिए लगाना चाहिए। आज के जीवन में 16 संस्कारों में से दो ही संस्कार याद करते हैं। सांसद ज्ञानेश्वर पाटील पंहुचे स्वामिनारायण मंदिर महोत्सव मे हुए शामिल। सिलमपुरा स्थित स्वामिनारायण मंदिर में 150 वे सार्घ शताब्दी महोत्सव के सातवे और अंतिम दिन कथा समाप्ती के दिन भक्तों का तांता लग गया कथा का सफल संचालन कर रहे भक्ति किशोर स्वामी ने कहा कि गंगामय स्नान से केवल तन पवित्र होता है लेकिन भागवत कथा में पंहुचकर मन पवित्र हो जाता है, कथा सुनते समय बैठने से तन भी पवित्र हो जाता है और इस नैक कार्य में जो धन लगाते हैं उनका धन भी पवित्र हो जाता हैं यानि भागवत कथा से तनमन और धन तीनों पवित्र हो जाते हैं वहीं व्यासपीठ पर विराजित शास्त्री स्वामी सत्यप्रकाशदासजी ने कहा कि वास्तविक जीवन में परिणय बंधन में बंधने के बाद परिक्षा प्रारंभ हो जाती है, जब भी हम जीवन की बात करते हैं तो हमारा जीवन भवसागर से कम नहीं हैं, जहां सुख और दुख आते जाते रहते हैं यदि दुख आया हैं तो सुख भी आएगा यह रात और दिन के समान हैं जिस तरह से काली रात होने के बाद दिन अवश्य आता है उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में भी उजाला आता हैं आज मनुष्य को मनुष्य रूपी जीवन जो मिला हैं और उसमें जो समय मिला हैं वह बहुत ही किमती हैं, उसे अपना समय आत्मकल्याण के लिए लगाना चाहिए वह संपत्ती का उर्पाजन तो करता है लेकिन उसे आध्यात्मिक कार्य में भी लगाना चाहिए मनुष्य जीवन 16 संस्कारों से गुजराता है किंतु उसे जीवन में केवल 2 ही संस्कार याद रहता है एक विवाह और दूसरा अंतिम संस्कार वहीं मिडीया प्रभारी गोपाल देवकर ने बताया कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने स्वामिनाराण मंदिर पंहुचकर भगवान के आर्शिवाद के साथ संतों का आर्शिवाद भी लिया और सांसद पाटील व्यासपीठ पर विराजित सत्यप्रकाश शास्त्री एवं मंदिर कोठारी पी पी स्वामी शाॅल श्रीफल से सम्मान किया, वहीं कृष्ण रूकमनी विवाह को लेकर कथा मंडप में काफी उत्साह था, और विवाह उपलक्ष्य में महाप्रसादी का आयोजन बडी संख्या में भक्तों ने आयोजन का लाभ हजारों भक्तों ने उठाया और सभी हरी भक्त कृतारबद्ध नजर आए आज अंतिम दिन मिडीया प्रभारी गोपाल देवकर ने भी संतों का शाॅल श्रीफल से सम्मान किया, महोत्सव का सफल संचालन शास्त्री भक्ति किशोर स्वामी तथा मंदिर ट्रस्टी सोमेश्व मर्चेंट ने किया।

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