कतिया समाज ने धुमधाम से मनायी जयंती, आखाजी भानाजी का किया पूजन

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) ताप्ती आँचल कतिया समाज समिति बुरहानपुर द्वारा गुड़ी पड़वा, चेत्र नवरात्री पर्व सहित कतिया जयंती का पर्व जोश और उल्लास के साथ समाज के नव निर्माणाधीन भवन मे मनाया गया। इस दौरान माँ कात्यानी देवी, आखाजी-भानाजी व संत भूरा भगत के तेल चित्र पर माल्यार्पण उपस्थित समाज के सभी वरिष्ठजनों, मातृ शक्ति व युवा साथियो के द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे समाज के अध्यक्ष गणेश दुनगे ने जानकारी देते हुए बताया कि कतिया समाज का इतिहास करीब 400 वर्ष पुराना रहा है। पहले समाज एक जूट रहा करता था, परंतु समय के साथ-साथ उनमें बदलाव आया और सभी देश के विभिन्न हिस्सों में बटते चले गये। आज भी कतिया समाज के सामाजिक बंधु प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ महाराष्ट, राजस्थान सहित दक्षिण भारत में निवाास कर रहे है। उकार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेश कुल्हारे के द्वारा अपने सम्बोधन में कतिया समाज के इतिहास की जानकारी देते हुए समाज को किस तरह संगठित होकर आगे बढऩा चाहिए सहित अन्य प्रमुख बिन्दुओ पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में समाज के सचिव राकेश सेजकर, नर्मदा सेजकर, हेमंत धार्मिक, शकुन्तला दुनगे, भारती काजवे, मंजू चौैरे के द्वारा भी संबोधित कर समाज को नई दिशा दिखाने का काम किया। इस दौरान आगामी वर्ष से कतिया जयंती सिर्फ समाज केभवन तक ही सिमित न होकर जयंती पर आगामी वर्ष से एक विशाल शोभायात्रा निकालने का निर्णय उपस्थित सभी समाजजनों के द्वारा लिया गया। वही अंत मे कतिया जयंती पर सभी मिठाई वितरित कर एक दूसरे को कतिया जयंती की शुभकामनायें दी गई। आभार प्रदर्शन श्री जगदीश काजवे के द्वारा किया गया। इस दौरान रविशंकर भवरे, रामस्वरूप चौरे, गोविन्द चावड़ा, कमल सेजकर, बलराम ढोके, रामनाथ सांगुले, हेमंत धार्मिक, आत्माराम चौरे, गुलकेश उमरिया, रमेश ठाकरे, जगदीश काजव, श्री घाटे, नर्मदा सेजकर, युवा समिति के अध्यक्ष मनोज भैसारे, प्रदीप चावड़ा, राहुल भैसारे, श्री दुधे योगेन्द्र दमाड़े, सुनील कवडे, शकुंतला दुनगे, भारती काजवे, मंजू चौरे, आशा कुल्हारे सहित बड़ी संख्या मे समाजजन मौजूद रहे।

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