बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) उपचुनाव की गतिविधियां अब धीरे धीरे चरम पर है, प्रत्याशी और उनके समर्थक चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की जुगाड में लग गए है। इसी बीच प्रत्याशीयों और उनके कार्यकापों को लेकर एक दूसरे के विरोधी गुटके गुप्तचर इन के बीच पहुंच कर उन पर नजर रख रहे है। उपचुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशीयों के बीच होना है। दोनों ही पार्टीयों की ओर से खडे किए गए उम्मीदवार अपनी स्वच्छ छवी के लिए पहचाने जा रहे है। इन पर किसी प्रकार के लाछन के कोई आरोप नही है, लेकिन इन्हें अपनो का डर जरूर है, कांग्रेस में जहां खंडवा का एक गुट नाराज दिखाई दे रहा है वहीं भाजपा में टिकिट वितरण के बाद दिवंगत नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र की कुच्छ समय की नाराजगी ने यहां भी अटकलो को जन्म दिया है, ऐसे में राजनैतिक गुप्त चरों की भूमिका दोनों ही प्रत्याशीयों की चिंता बढा रही है। इस को लेकर सोशल मीडिया में अटकलो का दौर भी चला, अब जब कि नाम निर्देशन पत्रों की वापसी और चुनाव चिंह अवंटन के बाद चुनाव मैदान में भाजपा कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला साफ दिखाई दे रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दो दिनों तक कार्यकर्ताओं में जोश भर कर लौट चुके है। जिस से भाजपा जीत को लेकर पूरी तरहां आश्वस्त है। वहीं कमलनाथ के खंडवा दौरे के बाद कांग्रेस में भी जोश है, संसदीय क्षेत्र की आठ विधान सभा सीटों के लिए अलग अलग नेताओं को जवाबदारी के तहत बुरहानपुर में कांग्रेस की ओर से अधिक जिम्मेदारी र्निदलीय विधायक के जिम्मे दी गई है, वहीं भाजपा में चुनाव का पूरा संचालन जिला अध्यक्ष के जिम्मे देखा जा रहा है। अब जब कि मतदान को कुछ समय है इसी बीच चुनाव प्रचार में दशहरा मनाने के साथ और तेजी देखने को मिलेगी लेकिन राजनैतिक गुप्तचर प्रत्याशीयों की दिनचर्या एक दूसरे को कितनी प्रभावित करेगी अभी इसे लेकर कुच्छ साफ नही है पर हां इतना जरूर है कि दोनों ही राजनैतिक दलों के गुप्तचर सक्रीय जरूर है जिन से सावधान रहने की जरूरत है।