कांग्रेस में नूराकुश्ती अरूण यादव ने छोडा चुनावी रण भाजपा का रास्ता हुआ आसान

0
188

बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और अरूण यादव के बीच चल रही तनातनी का पटापेक्ष अरूण यादव के चुनावी रण से हटने के साथ हो गया। अब ऐसे में भाजपा की राह भी आसान हो गई है, लेकिन जहां कांग्रेस की नूराकुश्ती खुलकर सामने आ गई है वहीं भाजपा में भी अभी स्थिति साफ नही है। सम्भावित प्रत्याशी अपने आकाओं से मिलकर वापस लौट चुके हंै पर टिकिट पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है फार्म भरने के लिए 3 दिन का समय शेष है ऐसे में कांग्रेस से मैदान खाली है, अरूण यादव के चुनाव नही लडने के फैसले से अब कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नही है, यादव के चुनाव नही लडने के फैसले ने राजनैतिक गलयारों में हल चल बढा दी है। जानकार यह भी कह रहे है कि अरूण यादव का यह निर्णय भाजपा में पिछले दरवाजे से इन्ट्री है वह इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में सामने आ सकते है, क्युं कि भाजपा आला कमान प्रत्याशी तय करने में क्षेत्र की गुटीय राजनीति से भलि भांति परिचित है और इसी के चलते वह भी अब तक किसी नाम को अंतिम रूप नही दे सकी है। यह इस लिए भी कहा जा सकता है कि लंबे समय से यह अफवाहऐं राजनैतिक गलयारों में गूंज रही है कि अरूण यादव भाजपा में शामिल हो सकते है और अब यह समय इस के लिए बहुत अनुकुल है इस से भाजपा में क्षेत्र की गुटीय राजनीति पर भी विराम लगाया जा सकता है। भाजपा का इस समय ट्रेन्ड भी चल रहा है कि कांग्रेस के बडे नेताओं को तोडकर पार्टी में शामिल कर उन्हें टिकिट दिया जाऐ अगर ऐसा हुआ तो अरूण यादव संसदीय क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है वह स्वंय क्षेत्र में अच्छी पकड रखते है उन के लिए चुनाव जीतना आसान होगा। वहीं भाजपा के दोनों गुटों से अरूण यादव के सम्बंध अच्छे रहे है दोनों गुट भी इस पर सहमत हो सकते हैं। कांग्रेस में अरूण यादव और कमलनाथ की सर्द जंग लंबे समय से चल रही थी जिस से कमलाथ ने सर्वे का हवाला देकर अरूण यादव के नाम को दरकिनार कर दिया और यही कारण रहा कि यादव ने पारिवारिक कारण बताकर चुनाव लडने से मना कर कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया, उनका चुनाव लडने का पूरा मंूड है तब ही तो वह दो माह से क्षेत्र में निरंतर दौरे कर रहे थे परंतु प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ पटरी नही बैठने से उन्हें यह र्निणय लेना पडा। अरूण यादव के इस र्निणय से कांग्रेस परेशानी में है क्षेत्र का कार्यकर्ता और समर्थक भी अब असंमजस की स्थिति में है। नाम निर्देशन पत्र भरने के लिए केवल 3 दिन का समय है पर दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल प्रत्याशीयों के नाम घोषित करने की स्थिति में नही हंै। अब देखना होगा कि खंडवा उपचुनाव में प्रत्याशीयों का उंट किस करवट बैठेगा भाजपा की सूची में तो वेटिंग लिस्ट है पर कांग्रेस का घर खाली है कमलनाथ इस को लेकर क्या गुल खिलाते है इस का सभी को इंतेजार है वहीं भाजपा प्रत्याशी को लेकर क्या बम फोडती है इस को लेकर भी क्षेत्र की जनता उत्सुक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here