2024 टारगेट भाजपा कांग्रेस में बगावत से जिला अध्यक्षों पर उठ रही उंगली

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मतदान के बाद जीत हार का आकलन और दोनों ही पार्टियों में बगावत पर अब जिला अध्यक्षों की भूमिका पर भी उंगली उठने लगी है इसके पीछे 2024 लोकसभा चुनाव टारगेट है दरअसल भाजपा कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर काफी बवाल हुआ दोनों ही पार्टी में प्रत्याशियों का विरोध हुआ और नतीजा या सामने आया की अधिकृत प्रत्याशियों के सामने निर्दलीय मैदान में उतर गए जिससे दोनों ही पार्टी की जीत हार का गणित बिगड़ गया और अब 77% मतदान के बाद भी जीत हार को लेकर सय्यश बना हुआ है कोई भी खुलकर दावा नहीं कर रहा है समर्थक भी केवल आकलन ही बता रहे हैं कौन कितने मतों से जीत दर्ज करेगा ऐसा कोई दावा सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आ रहा है और यह स्थिति बनी है बागी प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने पर जिससे यह सवाल उठ रहे हैं संगठन के प्रमुख जिला अध्यक्ष उन्हें बैठने में क्यों सफल नहीं हुए भाजपा के जिला अध्यक्ष मनोज लधवे एक सफल रणनीतिकार माने जाते हैं उनके जिला अध्यक्ष रहते पार्टी ने बहुत सी सफलताएं अर्जित की है जिसका लोहा प्रदेश नेतृत्व भी मानता है भला ऐसे में वह यहां क्यों असफल हुए बागी प्रत्याशी हर्षवर्धन को मनाने में क्यों सफल नहीं हुए वहीं कांग्रेस की हम बात करें तो चुनाव से कुछ समय पूर्व ही यहां जिला अध्यक्ष के संगठन में बड़ा फेरबदल कर रिंकू टाक को शहर अध्यक्ष बनाया गया इस उम्मीद के साथ कि वह नए सिरे से संगठन को खड़ा करेंगे इस गुट का ऐसा मानना था कि पूर्व में रहे शहर अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने संगठन को कमजोर किया है रिंकू टाक को शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ दो कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाए गए हर्षित सिंह ठाकुर और नूर काजी इतना सब होने के बाद इसी नई टीम के जिला महामंत्री नफीस मंशा खान ने बगावत कर एमआईएम से खड़े होकर कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया हर्ष चौहान और नफीस मंशा की बगावत को रोकने में दोनों ही पार्टी के जिला अध्यक्ष असफल हुए जिसको लेकर अब कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं इसके साथ ही भाजपा में तो 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी नई-नई नीति तैयार हो रही है जिससे लोकसभा भी खतरे में दिखाई दे रही है खैर अभी समय है देखो और क्या-क्या होता है।

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