बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) लंबे समय के बाद मतदाताओं ने चुनाव में रुचि दिखाकर जमकर मतदान किया जिसके चलते मत प्रतिशत 76.32 तक पहुंच गया इस बड़े हुए मतदान को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग मतलब निकल रहे हैं कुछ का कहना है कि जब भी मतदान प्रतिशत सर्वाधिक सीमा तक पहुंचता है तो इसे सत्ता विरोधी माना जाता है तो कुछ का मानना है कि जनता सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर अधिक मतदान किया है लेकिन यहां यह भी सच है कि चुनाव आयोग के मतदाता जागरूकता कार्यक्रम और जिला प्रशासन के अभिनव प्रयासों ने भी मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है मतदान के बड़ते प्रतिशत पर चुनाव लड़ रहे चारों प्रमुख प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं इसी के चलते उनके समर्थक जीत को लेकर दावे कर रहे हैं भाजपा से लेकर कांग्रेस निर्दलीय और एम आई एम ने अपने गणित से एक दूसरे की हार जीत तय कर ली है कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाली एमआइएम भी इस खुश फहमी में मुब्तिला है लेकिन भाजपा इतने मतदान के बाद भी निर्दलीय से खौफ ज़दा है लेकिन जीत का दावा भी प्रथम स्थान पर कर रही है भाजपा के समर्थकों का जीत को लेकर अलग गणित है वहीं कांग्रेस समर्थक भी अपनी जीत को लेकर चिंतित हैं उन्हें मतदान पर भरोसा तो है लेकिन चिंता भी वहीं निर्दलीय जीत को लेकर आश्वस्त तो हैं लेकिन समर्थक इस गुणा भाग में लगे है कि जीत कितने हजार वोटो से होगी विधानसभा चुनाव 2023 बुरहानपुर के इतिहास की उस खुली किताब की तरह है जिस में चुनाव लड़ रहे किसी भी प्रत्याशी को इस बात की कोई चिंता नहीं की उसके साथ भीतरी घात होगा जो विरोधी थे वह सामने हैं इसलिए वह जीत को लेकर आश्वस्त है और अब कशमकश के बीच इंतजार 3 दिसंबर का है जब परिणाम सामने आएंगे।