बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले का सरकारी अस्पताल यहां होने वाली लापरवाही के आरोप से समाचार पत्रों की सुर्खियों में छाया रहता है ताजा मामला भी लापरवाही से जुड़ा है जिसे अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर भूपेंद्र गौर ने स्वयं स्वीकार किया है की प्रसुता का समय पर ऑपरेशन नहीं होने से उसके फेफड़ों में खून का छत्ता जम जाने से उसकी मौत हो गई दरअसल बुधवार की दोपहर बाद गणपति नाका निवासी मुस्कान पति फारूक अली को परिजनों के द्वारा प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था जिसकी जांच उपरांत उसका ऑपरेशन रात में ही होना था परंतु अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टर और गायनिक लेडी डॉक्टर के नहीं होने से उसका ऑपरेशन नहीं होने के चलते उसे खंडवा रेफर करने का परामर्श परिजनों को दिया गया परंतु समय पर परिजनों के निर्णय नहीं लेने के चलते प्रसूता जजकी वार्ड में भर्ती रही जहां उसका उपचार रात्रि में जारी रहा सुबह प्रसूता का ऑपरेशन होता इसके पूर्व ही उसकी मौत हो गई जिस पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाकर तोड़फोड़ की इस पूरे हंगामा पर अस्पताल के आर एम ओ डॉक्टर भूपेंद्र गौर ने मीडिया से बताया कि बुधवार की दोपहर बाद महिला प्रसव के लिए भर्ती किया गया था जांच में पाया कि प्रसूता का ब्लड प्रेशर बढ़ा होने तथा अन्य कॉम्प्लिकेशन के चलते उसका ऑपरेशन किया जाना था परंतु एनेस्थीसिया की व्यवस्था हो इसके बीच परिजन उसे ले जाना चाह रहे थे जिसके चलते यह ऑपरेशन रात्रि में नहीं हो सका सुबह ऑपरेशन होता उस से पूर्व ही प्रसूता और बच्चे की मौत हो गई जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था और आवश्यक डॉक्टर के नहीं होने से यहां इस प्रकार के हालात आए दिन सामने आते हैं परंतु यहां के जनप्रतिनिधियों का ध्यान अस्पताल में आवश्यक डॉक्टरों की स्थाई नियुक्ति पर नहीं है जिस का खमयाजा जिले की आम जनता को अपनों को खोकर चुकाना पड़ता है।