बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) हजयात्रा किराए में लगभग 53 हजार प्रति हज-यात्री पर अतिरिक्त भार डालने को लेकर, बुरहानपुर के 19 हज-यात्रियों की ओर से लगाई गई याचिका में म. प्र. हाईकोर्ट ने भारत सरकार. हज कमिटी ऑफ इंडिया के खिलाफ अभूतपूर्व आदेश/निर्देश जारी करते हुए, 10 दिन में निराकरण करने के आदेश 22. मई.2023 को जारी किए । हज-यात्रियों की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि, पूर्व में बुरहानपुर के मुस्लिम धर्मावलंबीयों को हजयात्रा के लिए भारत सरकार का विभाग “हज कमिटी ऑफ इंडिया” सामान्यतः मुंबई से फ्लाइट द्वारा यात्रा प्रारम्भ कराती थी, किंतु इस वर्ष “2023 की हजयात्रा” प्रारंभ करने के लिए हज-यात्रियों को सुविधा के नाम पर इंदौर से फ्लाइट का भी विकल्प दिए जाने पर बुरहानपुर के यात्रियों ने इंदौर से फ्लाइट का विकल्प देते हुए आधे से अधिक राशि भी जमा कर दी । किंतु तीसरी अंतिम किश्त की रकम जमा करने के समय, जब पहली बार “हज कमिटी ऑफ इंडिया” ने विभिन्न शहरों इंदौर मुंबई आदि से यात्रा प्रारम्भ करने वाले हजयात्रियों से ली जाने वाली अंतिम किश्त की विभिन्न रकमों की लिस्ट जारी की तो, सभी हजयात्री यह देख हैरानी में पड़ गए कि, इंदौर से हजयात्रा प्रारंभ करने में मुंबई की तुलना में लगभग 53,हज़ार रुपये ज्यादा लग रहे है । इस प्रकार, मुंबई के बजाए इंदौर से हजयात्रा प्रारंभ करना ,उनके लिए सुविधा के बजाए महंगी अनुचित असुविधा बन गया । हजयात्रियों के द्वारा इसकी शिकायत “हज कमिटी ऑफ इंडिया” के साथ साथ भारत सरकार के संबंधित विभाग के मंत्रियों आदि से करने के बावजूद, जब कोई हल नहीं निकला तो, बुरहानपुर के 19 हजयात्रियों ने अपने अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल एवं अजहर हुसैन के माध्यम से मा. उच्च न्यायालय में याचिका लगाई जिसमें 22.मई को उक्त महत्त्वपूर्ण आदेश पारित हुए है, जिसमें भारत सरकार सहित हज कमिटी ऑफ इंडिया को बुरहानपुर के इन 19 हजयात्रियों को हजयात्रा प्रारंभ करने का स्थान एयरपोर्ट इंदौर के बजाए “मुंबई” करने तथा ऐसी स्तिथि में , जमा की जा चुकी अतिरिक्त रकम लगभग 53,हज़ार वापस लौटाए जाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के इस आदेश एवं निर्णय से निश्चित ही हज यात्रियों को लाभ होगा।