शहर से गांव तक कुत्तों का आतंक मासूम बच्चों को बना रहे निशाना

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शहर हो या फिर गांव सभी और इन दिनों कुत्तों का आतंक है गली मोहल्लों और मुख्य मार्गों पर कुत्तों के झुंड जहां आवागमन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं वहीं राहगीरों के लिए भी मुसीबत बन उन्हें काट रहे हैं तो गली मोहल्लों में या कुत्ते छोटे बच्चों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं ऐसे ही एक मामले में ग्राम गुलाई और महाजनापेट मैं बच्चों को कुत्ते काटने के मामले सामने आए हैं छोटे बच्चों पर यह आवारा कुत्ते जानलेवा हमला कर रहे हैं। शहर से लेकर ग्राम तक कुत्तों को पकड़ने और उनकी जनसंख्या को रोकने के लिए पंचायत और नगर निगम के पास कोई प्लान नहीं है नगर निगम लंबे समय से कुत्तों की नसबंदी करने की बात कह रहा है पूर्व की दो परिषदों में भी यह मामला गूंजा लेकिन फिर टाय टाय फिश अब फिर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ईबीसी प्रोग्राम के तक टेंडर कॉल करने की बात कह रहे हैं पर वर्तमान में उनके पास भी आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई प्रोग्राम नहीं है पूर्व में निगम के द्वारा कुछ शवान को पकड़ शहर से लगे क्षेत्रों में छोड़ा गया था परंतु ऐसा करने से शहर से सटे ग्रामीण अंचलों में इन आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है अब ऐसे में शवान की प्रजनन पर रोक लगाना ही एकमात्र उपाय है जो वर्षों से लंबित है वर्तमान में भी इसके अमल में आने के लिए कागजी खानापूर्ति की लंबी प्रक्रिया है जिसमें लंबा समय लगेगा।

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