शासकीय डॉक्टर हड़ताल परआश्वासन नहीं लिखित आदेश चाहिए

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने वाले सरकारी डॉक्टर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं जिसके चलते जिले भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं शासकीय और स्वशासी चिकित्सा महासंघ के आव्हान पर यह हड़ताल की जा रही है संविदा अनुबंधित और रेगुलर डॉक्टर पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को मनवाने के लिए चरणबद्ध तरीके से अपनी आवाज शासन तक पहुंचा रहे हैं लेकिन सरकार के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है प्रदेश भर के डॉक्टर ने फरवरी माह में भी हड़ताल की थी जो मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद समाप्त कर दी गई थी परंतु अब महासंघ के बैनर तले बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है महासंघ का कहना है कि आश्वासन नहीं लिखित आदेश चाहिए प्रदेश व्यापी आंदोलन के चलते जिले भर के 64 से अधिक डॉक्टरों के हड़ताल पर होने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित तो हुई हैं सरकारी अस्पताल पहुंचे मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों के नहीं मिलने से बैरंग लौटना पड़ा है जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश सिसोदिया ने दावा किया है कि डॉक्टर की हड़ताल से अस्पताल की सेवाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा है आयुष डॉक्टरों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल रखा गया है हड़ताली डॉक्टर ने अस्पताल परिसर में पंडाल लगाकर धरना देते हुए नारेबाजी की डॉक्टर के महासंघ का कहना है कि अन्य प्रदेशों की तरह मध्यप्रदेश में भी डीएपीसी स्कीम लागू की जाए संविदा डॉक्टर को नियमित किया जाए अनुबंध पर काम कर रहे डॉक्टर की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए तथा नॉनक्लिनिकल अधिकारियों का हस्तक्षेप कम करने जैसी अनेकों मांगों को लेकर डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।

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