शहर का संग्राम शहनाज और माधुरी के बीच होगी टक्कर

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने के साथ नाम निर्देशन पत्र भरने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है कांग्रेस ने अल्पसंख्यक कार्ड खेल कर शहनाज इस्माइल अंसारी को महापौर का उम्मीदवार घोषित किया है जबकि भाजपा उच्च स्तर पर अभी माधुरी अतुल पटेल के नाम को तय कर पाई है अधिकृत घोषणा का इंतजार है वर्ष 2009 में भी अरुण यादव गुड से ही शहनाज अंसारी को महापौर का प्रत्याशी बनाकर माधुरी अतुल पटेल के समक्ष उतारा गया था मुकाबला दोनों के बीच टक्कर का होने से शहनाज इस्माइल अंसारी 3900 वोट से हार गई थी लेकिन वर्तमान में होने वाले निकाय चुनाव में पहले गौरी दिनेश शर्मा को कांग्रेसका प्रबल दावेदार माना जा रहा था और उम्मीद भी की जा रही थी के पार्टी गौरी दिनेश शर्मा को ही उम्मीदवार बनाएगी लेकिन ऐन वक्त पर मुस्लिम नेताओं की ओर से गुटी राजनीति के चलते अल्पसंख्यक का राग अलाप शहनाज नफीस मंशा खान को टिकट देने की मांग के चलते पूरे मामले में पेच डाला गया लेकिन इसी गुटीय राजनीति में पासा पलटा और अल्प और अल्पसंख्यक कोटे से शहनाज इस्माइल अंसारी का नाम रखा जिसे प्रदेश हाईकमान ने स्वीकार कर शहनाज इस्माइल अंसारी को महापौर का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया मुस्लिम अल्पसंख्यक क्षेत्र होने के नाते पार्टी गाइड लाइन के अनुसार अल्पसंख्यक को टिकट तो मिला परंतु क्या मुस्लिम अल्पसंख्यक कोटे की मांग रखने वाले यह नेता अल्पसंख्यक प्रत्याशी को जिता कर ला पाएंगे या बड़ा सवाल है अल्पसंख्यक के नाम पर उम्मीदवार तो पार्टी देती है परंतु एन वक्त पर अल्पसंख्यक के साथ कांग्रेस के अन्य वोट अल्पसंख्यक प्रत्याशी की झोली में नहीं जाते और पराजय का मुंह देखना होता है यह पिछला इतिहास रहा है अब जबकि मुस्लिम नेताओं के एक गुट ने ऐन वक्त पर यह मांग रखी और पार्टी ने टिकट भी दे दिया तो क्या अब यह मुस्लिम नेता गूटीय राजनीति को भूल उम्मीदवार को जीताकर लाएंगे यह फिर कोई दूषित राजनीति के चलते बागी उम्मीदवार खड़ा कर कांग्रेस की जीती हुई सीट के परिणाम को बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे यह आने वाला समय तय करेगा।

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