बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) पंचायत एवं निकाय चुनाव की तेज होती सर गर्मियों के बीच कांग्रेस ने फिर एक बार अरुण यादव समर्थकों पर भरोसा जताते हुए उन्हें अस्थाई रूप से शहर और ग्रामीण अध्यक्षों की जिम्मेदारी देते हुए अजय रघुवंशी को कांग्रेस का शहर अध्यक्ष और किशोर महाजन को ग्रामीण अध्यक्ष बनाकर दोनों चुनाव की कमान सौंपी है प्रदेश हाईकमान के इस फैसले से अरुण यादव समर्थकों में जोश देखा गया है दरअसल मामला यह है कि कोई चार माह पूर्व शहर और ग्रामीण अध्यक्षों को इसलिए हटाया गया था कि लोकसभा के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार का जिम्मेदार माना गया था कांग्रेस की आपसी गुटीय राजनीति के चलते रघुवंशी और महाजन के हटने के बाद जिले में कांग्रेस बिना कमांडर की पार्टी होकर रह गई थी इनके हटने के बाद पार्टी में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर जमकर घमासान हुआ पार्टी पर्यवेक्षकों के दौरे हुए लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया तो पार्टी में चुनाव कराने की बात सामने आई लेकिन इसमें भी गुटबाजी जमकर सामने आई और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया इस बीच पार्टी के कार्यक्रमों में कमांडर नहीं होने की कमी महसूस की गई तो प्रदेश हाईकमान ने मई के प्रथम सप्ताह में एक ऑब्जर्वर को बुरहानपुर भेजा जिससे सभी गुटों के कांग्रेसियों ने मिलकर अपनी बात रखी पार्टी हाईकमान ने आब्जर्वर के माध्यम से आम सहमति बनाने का प्रयास किया और सबकी सहमति से अध्यक्षों की नियुक्ति की बात की गई लेकिन आरक्षण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद फिर एक बार पंचायत और निकाय चुनाव की गतिविधियां तेज होने से कांग्रेस इस चुनाव को बिना कमांडर नहीं लड़ना चाहती इसी को लेकर पद से हटाए गए शहर कांग्रेस अध्यक्ष अजय रघुवंशी और ग्रामीण अध्यक्ष किशोर महाजन की जिले में कमांडर के रूप में ताजपोशी कर अरुण यादव गुटका वजन बढ़ाया है यहां यह और बात है कि कांग्रेस की गुटीय राजनीति हाईकमान की इस नीति को किस प्रकार लेती है और पंचायत एवं निकाय चुनाव में उसे कितनी सफलता मिलती है यह अलग बात है लेकिन प्रदेश हाईकमान के इस निर्णय से अरुण यादव विरोधी गुट को धक्का लगा है।