बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) कहने को तो जिले में सुपर स्पेशलिस्ट के नाम पर 30करोड़ का अस्पताल भवन बनाने के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने खूब प्रशंसा लूटी पर अस्पताल बने 4 वर्ष का समय बीत चुका है यहां व्यवस्थाएं सी एस सी स्तर की भी नहीं है जिसके चलते मरीजों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अस्पताल में जो डॉक्टर हैं वह भी अपने समय में ड्यूटी पर नहीं होते और मरीज उनके इंतजार में कक्ष के समक्ष तड़प इलाज के इंतजार में बेहोश होकर जमीन पर लेट इलाज का इंतजार कर रहे हैं। यहां दो वर्ष पूर्व चार नए डॉक्टरों की पुर्ती भी की गई लेकिन वह आज तक ओपीडी में नजर नहीं आए बिगड़े प्रबंधन के चलते वह भी अस्पताल की राजनीति में संलिप्त होकर सी एस और आर एम ओ के सपने देखने लगे हैं उन्हें यहां आने वाले मरीजों की परेशानी से कुछ लेना-देना नहीं है दो वर्ष पहले जिला अस्पताल को सर्जन और चिकित्सा अधिकारी स्तर के नए डॉक्टर मिले पर पदस्थ हुए डॉक्टरों की कहां ड्यूटी लगाई गई इसका किसी को कुछ पता नहीं वह केवल अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या को दर्शाते दिखाई दे रहे हैं बुरहानपुर के जिला चिकित्सालय में कुल कितने डॉक्टर किस विधि के स्पेशलिस्ट हैं तथा यहां पदस्थ डॉक्टर कब और कहां ड्यूटी पर तैनात हैं इसको दर्शाता कोई सूचना पटल नहीं है जिसके चलते जिला अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को कुछ पता नहीं होने से परेशान होते देखे गए हैं कोरोना के कार्यकाल के समय बुरहानपुर जिला अस्पताल को गुजराम बारवाल आर्यन गढ़वाल प्रतीक चौकसे और विक्की चौकसे के साथ ही वर्तमान में सिद्दीकी ओवैसी जैसे चहरा विशेषज्ञ डॉक्टर जिला पताल को मिले हैं ,वह कहां और क्या ड्यूटी कर रहे हैं कुछपता नहीं चार डॉक्टर मिलने के बाद भी उनका लाभ यहां आने वाले मरीजों को नहीं मिल रहा है।