मत्स्य-उत्पादन के क्षेत्र में बालाघाट को देश में मिला प्रथम स्थान

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मंत्री श्री सिलावट ने दी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई

स्वच्छता के बाद मध्यप्रदेश के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। प्रदेश के बालाघाट जिले को मत्स्य विकास क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए देश में प्रथम स्थान मिला है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विश्व मत्स्य दिवस पर बालाघाट जिले को प्रथम पुरस्कार दिया गया। सर्वे में शामिल देश के 70 जिलों में बालाघाट को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। भारत सरकार द्वारा पुरस्कार स्वरूप 3 लाख रूपये और मोमेंटो प्रदान किया गया। संचालक मत्स्योद्योग श्री भरत सिंह, उप संचालक मत्स्योद्योग बालाघाट श्रीमती शशि प्रभा ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने इस उपलब्धि पर विभाग के संचालक श्री भरत सिंह सहित सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे पुरस्कार से अधिकारी और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है और विभागीय योजनाओं में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा है कि मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में अग्रसर हो। मछली पालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बने इसके लिए लगातार नए आयाम की तरफ बढ़ने की कोशिश की जा रही है। बालाघाट से प्रेरणा लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में भी मछली पालन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान बनेंगे।

संचालक श्री भरत सिंह ने बताया कि आर.ए.एस., बायोफ्लाक, केज एवं महिलाओं तथा बच्चों की आर्थिक उन्नति के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए बेस्ट इनलेण्ड स्टेट का पुरूस्कार बालाघाट जिले को मिला है। बालाघाट द्वारा विगत तीन वर्षों में 2 फीड मिल, 23 रिटेल मार्केट, 2 कियोस्क, 10 बायोफ्लाक, 280 टू-व्हीलर्स, 5 थ्री व्हीलर्स, 160 केज कल्चर आदि वितरित/स्थापित कराए गए हैं। पी.एम.एम.एस.वाय योजना में 2288 एवं बचत-सह-राहत योजना में 7292 हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गया है।

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