बे-मौसम बारिश खेती किसानी के लिए हानिकारक आम जनजीवन भी प्रभावित

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले में इन दिनों बदलते मौसम ने लोगों के साथ-साथ किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। यह समय सामान्यतः मौसम के साफ रहने का होता है, ताकि किसान रबी फसलों की बुवाई की तैयारी कर सकें। लेकिन इस वर्ष लगातार हो रही बे-मौसम बारिश ने खेती-किसानी के कामों में बड़ी बाधा डाल दी है। खेतों में पानी भर जाने से फसलों को नुकसान हो रहा है, वहीं जिन किसानों ने समय से बुवाई कर दी थी, उनकी फसलें अब सड़ने लगी हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय पर बारिश होना असामान्य है। बारिश के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे फसलों के साथ-साथ सब्जियों और फलों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। किसान अब इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर मौसम जल्द नहीं सुधरा, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। बे-मौसम बारिश का प्रभाव केवल खेती तक सीमित नहीं है। लगातार बदलते मौसम से लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है सर्दी-जुकाम, बुखार और वायरल जैसी बीमारियाँ तेजी से फैल रही हैं। बच्चे और बुजुर्ग खास तौर पर इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को ऐसी परिस्थितियों में नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। मौसम में हो रहे इस बदलाव से साफ है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब गांवों तक पहुँच चुका है। यदि समय रहते सावधानी और वैज्ञानिक तरीके से खेती की दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में कृषि क्षेत्र को और बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस प्रकार, बे-मौसम बारिश न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फेर रही है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है।

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