पहलगाम आतंकी घटना मुस्लिम संगठनों ने भी खुलकर की निंदा

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) पहलगाम में हुआ भयानक आतंकवादी हमला, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई और 20 से ज़्यादा लोग घायल हो गए, आतंकवादियों की यह क्रूरता मानवता को शर्मसार करती है आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले में जिस बर्बरता के साथ बेगुनाह पर्यटकों को अपना निशाना बनाया न सिर्फ़ राष्ट्र के खिलाफ़ अपराध है, बल्कि मानव मूल्यों का सीधा अपमान है हिंदू, ईसाई, मुस्लिम या किसी भी अन्य धर्म के निर्दोष लोगों की हत्या की स्पष्ट रूप से निंदा की जाती है। राजनीतिक लाभ या विकृत विचारधाराओं के लिए नागरिकों की हत्या करने वालों के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है। भारत में करोडों मुसलमान रहते हैं, जिस से सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह बनाता है। भारतीय मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं, भाईचारे, सद्भाव और देशभक्ति को बढ़ावा दे रहे हैं। पहलगाम हमले के दौरान कश्मीरी मुसलमानों ने घायल पर्यटकों की रक्षा और बचाव के लिए अपनी जान जोखिम में डाली पीड़ितों के धर्म की अनदेखी की और केवल मानव जीवन को बचाने पर ध्यान दिया पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया मानवता नफरत से ऊपर है, और कश्मीर का दिल शांति के लिए धड़कता है यही पैगाम दिया है।पहलगाम आतंकी हमले की
प्रमुख मुस्लिम एवं इस्लामी संगठनों ने भी खुलकर निंदा की है।पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय की मांग की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इसके अपराधियों का कोई ईमान नहीं होता।आतंकवादी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भय पैदा करते हैं, भारत की ताकत सांप्रदायिक विभाजन में नहीं, बल्कि एकता में निहित है।

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