यह कैसा पर्व संकट मोचन प्रथम पूज्य सिद्धि विनायक की अगवानी  अंधेरे में

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) गणेश उत्सव को लेकर बनने वाली प्रतिमाओं की ऊंचाई के संबंध में प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कुंभकरण की नींद सो गया और मूर्तिकारों ने उस आदेश को ताक में रखकर अपने आर्थिक लाभ के लिए ऐसी ऊंची प्रतिमाओं का निर्माण कर डाला जिन्हें स्थापना के लिए गणेश मंडलों को ले जाने की फजीहत हुई तथा परिणाम यह हुआ कि पूरा शहर घंटों अंधेरे में डूब गया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई अब ऐसी ही स्थिति विसर्जन के अवसर पर भी सामने आएगी हम भगवान गणेश को संकट मोचन और सिद्धि विनायक मानते है भगवान गणेश सभी के संकट दूर करते हैं उनके प्रवेश से जीवन में रोशनी आती है परंतु उनकी स्थापना के अवसर पर पूरा शहर घंटों अंधकार में डूबा रहा जिसके चलते सभी परेशान रहे ऐसे आयोजन पर जहां प्रशासन को व्यवस्था सर्वोपरि माननी चाहिए वही स्वयं हमें भी विचार करना होगा कि जिस सिद्धि विनायक के आगमन से हमारे जीवन में उजाला आता है हम उसी की स्थापना अंधेरे में कर रहे हैं भला यह कैसा पर्व है पर्व के नाम पर शहर वासियों को अंधेरे में धकेलना क्या उचित है इस पर प्रशासन सहित हमें स्वयं विचार कर मनाने की तैयारी करना चाहिए आगामी अवसर के लिए प्रशासन को ऐसी उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि कम से कम क्षेत्र में कम समय के लिए विद्युत कटौती हो जिससे सभी को राहत मिले!

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