बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) प्रदेश की राजधानी भोपाल से तबादला होकर बुरहानपुर पदस्थ हुए नवागत ट्रैफिक सूबेदार नागेंद्र सिंह को अपना पदभार ग्रहण करें एक पखवाड़े से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन वह अब तक शहर के ट्रैफिक सुधार को लेकर जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दिए हैं बिना सूबेदार ट्रैफिक का पूरा निजाम चरमरा गया है दुकानदार बेखौफ खुले में सामान रख मार्ग को बाधित किए हुए हैं तो ठेला व्यवसाय मनमर्जी से मुख्य मार्ग पर कब्जा जमाए बैठे हैं प्रतिबंध समय में बड़े वाहनों के प्रवेश से मार्गों पर जाम की स्थिति है तो वहीं स्कूलों के बड़े वाहन बेरोकटोक शहर की सकडी गलियों में घूम रहे हैं इन में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठना आम बात हो गई है कमल चौक गांधी चौक सुभाष चौक पर खड़े अनियंत्रित वाहनों की पार्किंग में शहर वासियों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के समक्ष दो पहिया वाहनों की पार्किंग अवैध रूप से ऑटो संचालन तथा चालकों द्वारा अभद्र व्यवहार के साथ मनचाहा किराया वसूली चरम पर है लेकिन नवागत सूबेदार है कि अब तक ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार को लेकर कोई प्लान तैयार कर मैदान में नहीं है वह अभी तक शहर की सड़कों गलियों और चौराहों के भूगोल को समझने में लगे हैं भोपाल के मुकाबले बुरहानपुर छोटा और पुराना शहर है फिर भी वह अपने हुनर दिखाने में पीछे दिखाई दे रहे हैं जिससे शहर का पूरा निजाम अस्त व्यस्त है भारी वाहन मनमर्जी से प्रतिबंधित समय में घुसकर नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं परंतु सूबेदार है कि अपने कार्य को आरंभ करने के लिए किसी विशेष मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं या फिर किसी बड़ी घटना के इंतजार में है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी इस लिए आवश्यक है कि सूबेदार भोपाल के ट्रैफिक निजाम के हुनर यहां दिखा कर शहर की यातायात व्यवस्था को चार चांद लगाएं अन्यथा यह बुरहानपुर है कब किसी मामले को लेकर कोई टेंशन क्रिएट हो जाए पता नहीं….?