ठेकेदार की मनमानी से आउटसोर्स कर्मचारी परेशान शासन आदेश के बाद भी नहीं मिल रहा न्यूनतम वेतन

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शासकीय कार्यालय में सीधी भर्ती नहीं कर ठेका पद्धति के तहत आउटसोर्स कर्मचारी रखने का प्रचलन होने से कार्यरत कर्मचारियों को शासन आदेश अनुसार न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है जिस से घर परिवार चलाना मुश्किल है बढ़ती महंगाई महंगी होती शिक्षा परिवार के मुखिया के लिए परेशानी का कारण है सरकार के द्वारा शासकीय दफ्तरों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने का चोर रास्ता ढूंढ कर अब यहां ठेका पद्धति से कर्मचारी रखे जाते हैं ठेकेदार इन कर्मचारियों को शासन आदेश के तहत न्यूनतम वेतन कर्मचारी को देना है कर्मचारियों को समय-समय पर महंगाई भत्ता सहित अन्य भत्ते देना होता है पर ठेकेदार ऐसा नहीं कर रहे हैं प्रदेश सहित जिले के अधिकांश दफ्तरों में यह व्यवस्था लागू है परंतु ठेकेदार की मनमानी और तानाशाही रवैया से कर्मचारी परेशान होकर कलेक्टर से गुहार लगाने जनसुनवाई में पहुंचे बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आउटसोर्स कर्मचारी के वेतन भत्तों में सरकार के द्वारा इजाफा तो किया गया परंतु ठेकेदार ने बड़ी चतुराई से इस पर से स्टे हासिल कर पुराने वेतन पर काम करने को मजबूर किया गया है ज्ञात हो कि इससे पूर्व जिला चिकित्सालय के कर्मचारी भी ठेकेदार की मनमानी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर चुके हैं बावजूद इसके ठेकेदार की इस लापरवाही और तानाशाही पर अंकुश नहीं लग सका है कर्मचारियों का कहना है कि शासन स्तर से महंगाई भत्ता व अन्य भत्ते तो स्वीकृत कर भुगतान के आदेश दिए जाते हैं परंतु ठेकेदारों के द्वारा कोर्ट से स्टे लेकर उन्हें इस वृद्धि से रोका जाता है उनका कहना है कि उन्हें आउटसोर्स कर्मचारी के नाते काम करते हुए वर्षों बीत गए लेकिन उन्हें नियमित के रूप में स्वीकार नहीं किया जा रहा है।

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