बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अनेक प्रकार की योजनाएं चलाकर उन्हें मौसम आधारित फसल बीमा में शामिल कर कर्षकों की फसल नुकसानी के रूप में मुआवज़ा देती है मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक एक जिला एक उत्पाद योजना लाकर क्षेत्रवार फसलों को बढ़ावा दे रही है इसी कड़ी में बुरहानपुर जिले की केला फसल को एक जिला एक उत्पाद के तहत केले की फसल को नामांकित किया है परंतु यह विडंमना है कि बुरहानपुर की केला फसल को मौसम आधारित फसल बीमा में शामिल नहीं किए जाने से जिले का किसान वंचित है इसी मांग को लेकर प्रगतिशील किसान संगठन जनप्रतिनिधियों सहित सरकार से अनेक बार मांग कर चुका है कि केले की फसल को फसल बीमा योजना में शामिल किया जाए परंतु जनप्रतिनिधियों और सरकार के जिम्मेदारों के कान पर कोई जूं नहीं रेंग रही है इसी को लेकर एक बार फिर गुरुवार को प्रगतिशील किसान संगठन ने जिला कलेक्टर के माध्यम से सरकार से गुहार लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि सरकार के द्वारा केला फसल को फसल बीमा योजना में शामिल नहीं किया जाता है तो वह उग्र आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध जताएगी संगठन के शिवकुमार सिंह ने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि वर्ष 2019-20 से पहले केला फसल का बीमा किया जाता था परंतु पिछले 3 वर्षों से उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा है उनका कहना है कि जब से सरकार ने एक उत्पाद एक जिला योजना चालू की है तब से इसे सूची से बाहर कर दिया है संगठन के शिवकुमार सिंह कुशवाहा और रघुनाथ चौधरी ने संयुक्त रूप से मीडिया को जानकारी में बताया कि केला फसल वर्ष में एक बार आने वाली फसल है जो अनेक बार अनेक बीमारी आंधी तूफान से प्रभावित होकर किसान को लाखों का नुकसान सहने को मजबूर करती है सरकार ने ऐसी फसल को सूची से बाहर कर दिया है जिसका प्रगतिशील किसान संगठन ने जमकर विरोध जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी केला फसल को मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल नहीं किया गया तो वह इसका सड़क पर उतर कर विरोध करेगी।