बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) नेपानगर के सीवल बागड़ी घाघरला मांडवा साईं खेड़ा आदि क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों द्वारा हजारों हेक्टेयर जंगल को काटे जाने के मामले में अब राजनीति गरमा गई है वनों से अतिक्रमणकारियों को पुलिस द्वारा बलपूर्वक हटाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए वन और पुलिसकर्मियों तथा नेपानगर थाने और रेणुका वन मंडल डिपो से अपने साथियों को छुड़ा ले जाने के मामले में पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही कर उनके सैकड़ों टपरों को नष्ट कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्यवाही के बीच प्रदेश कांग्रेश की ओर से इस पूरे मामले के अध्ययन के लिए झुंमा सोलंकी व अन्य विधायकों का दल बुधवार को नेपानगर पहुंचा जिसे जंगल पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लेना था लेकिन आदिवासी संगठन और नेपानगर वन बचाओ संघर्ष समिति के बीच आमने सामने की जोरदार झड़प के चलते विधायक दल जंगल तक नहीं पहुंचा बाद में पूरे मामले पर एसपी राहुल कुमार से मुलाकात कर जानकारी दी तथा मीडिया से चर्चा में विधायक दल ने पूरे मामले के लिए भाजपा की 19 वर्ष की सरकार और उसके मुखिया शिवराज सिंह को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि भाजपा के मंत्रियों का अतिक्रमणकारियों को संरक्षण प्राप्त होने से यह स्तिथि बनी है विधायक दल ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर वन मंत्री खामोश क्यों हैं उनके गृह जिले से लगते बुरहानपुर जिले में अवैध रूप से वनों की कटाई हो रही है पुलिस इतनी बड़ी कार्यवाही कर रही है और वन मंत्री खामोश हैं इससे स्पष्ट है कि वन अतिक्रमणकारियों को भाजपा नेताओं और सरकार का संरक्षण प्राप्त है विधायक दल ने मीडिया से चर्चा में यह भी कहा कि वह अपनी रिपोर्ट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को देंगे उनके निर्देश पर अगली रणनीति तैयार होगी भाजपा और कांग्रेस की इस राजनीति के बीच सवाल यह है कि प्रदेश में 19 वर्षों से भाजपा की सरकार है ऐसे में जंगलों की अवैध कटाई को लेकर कोई बड़ी कार्यवाही सरकार की ओर से नहीं की गई वन अमले पर हमला वन चौकी से बंदूके लूटने के मामले पर भी सरकार ने गंभीर होकर कोई एक्शन नहीं लिया वन मंत्री पूरे मामले पर खामोश हैं वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री रोज एक पेड़ लगाकर अपनी दिनचर्या की शुरुआत वन एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं इससे तो यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार की करनी और कथनी में बड़ा अंतर है दूसरी ओर पुलिस की इस बड़ी कार्यवाही में वन माफिया घोषित लाखों के इनामी बदमाशों के अतिक्रमित भूमि पर लगे गन्ने को सरकार लाखों में खरीद कर उसको भुगतान कर रही है फिर भी वह फरार ऐसे में किस प्रकार जंगलों को अतिक्रमणकारियों के चुंगल से बचाया जा सकता है इस पर सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर कार्यवाही करना चाहिए ताकि आने वाले समय में नेपानगर ही नहीं प्रदेश के अन्य जंगलों को भी वन माफियाओं से बचाया जा सके।