बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) कोरोना काल में वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी की जंग लडऩे के लिए सरकार के द्वारा मरीजों के उपचार भोजन और ट्रांसपोर्टेशन के लिए एनएचएम मत में सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की राशि भेजी गई ताकि इस महामारी का मुकाबला करने में आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े लेकिन इस महामारी के दौर में भी भ्रष्ट अपना हुनर दिखाने में सफल रहे यह पदस्थ तत्कालीन आरएमओ तथा इस घोटाले के मास्टर माइंड डॉक्टर प्रतिक नवलखे ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों ऑफिस के कर्मचारियों और पत्रकारों के साथ मिली भगत कर शासन के करोड़ों रुपए की बंदरबांट कर शासन को चूना लगाया। मामले का भंाडा फोड़ उस समय हुआ जब मास्टर माइंड नवलाखे का पेट शासन के करोड़ों रुपए डकार ने के बाद भी नहीं भरा तो अस्पताल में पढ़ें लाखों के कबाड़ को भी कोडियों के मोल बेच इसका भी घपला करना चाहा परंतु यह मामला मीडिया में आने से खूब उछला और जब पुलिस ने इसकी जांच शुरू की तो कोरोना काल के समय एनएचएम रोगी कल्याण के मत में आए करोड़ों के बंदरबांट का मामला भी फर्जी बिलों के माध्यम से सामने आया तो डॉक्टर प्रतिक नावलाखे के साथ अस्पताल अधीक्षक डॉ शकील अहमद डॉ धवल पाटिल डॉ विक्रम वर्मा क्लर्क सुशांत जोभेंकर बिचौलिए आशीष गौतम अशोक पठारे के साथ ही पत्रकारों में संजय दुबे राजेश निंबोरकर महेश मावले को गिरफ्तार कर इन से कोई 5 करोड नगद के साथ कार और संपत्तियों की रजिस्ट्रीयां जप्त की गई है शेष तीन आरोपी आनंद दिक्षित गोपाल देवकर और विनोद मोरे फ रार चल रहे हैं पुलिस इस पूरे मामले की परत दर परत बारीकी के साथ खोल रही है। इस पूरे मामले में जिला पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार का कहना है कि जिला अस्पताल घोटाले मामले में 12 करोड़ से अधिक की शासकीय राशि का गबन सामने आया है अभी जांच जारी है डॉक्टर विक्रम वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है जल्दी और नाम सामने आएंगे।