मुमताज फेस्टिवल पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक घरोहरों के संरक्षण की याद दिलाता है

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मुगल बादशाह शाहजहां की रानी मुमताज की याद में ऐतिहासिक और पुरातात्विक घरोहरों के संरक्षण की याद दिलाने वाला यह पर्व 7 जून को मुमताज फेस्टिवल के नाम से बेगम मुमताज को याद करने के साथ इन स्मारकों के संरक्षण की याद को ताजा करता है इस फेस्टिवल के संबंध में इसके आयोजक शहजादा आसिफ खान गौरी ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया कि चुनाव आचार संहिता के बीच उन्हें सेमिनार और ऑल इंडिया मुशायरा की अनुमति मिली है यह उनका 51 वा आयोजन है वह निरंतर 50 वर्षों से मुमताज फेस्टिवल का आयोजन करते चले आ रहे हैं इसके पीछे उनका उद्देश्य पुरातात्विक स्मारकों का संरक्षण और शहर को टूरिज्म के नक्शे में पहचान दिला कर शहर विकास है उनका यह प्रयास रहा है कि पर्यटन के नक्शे पर शहर का नाम आए तो यहां पर्यटकों के आने से शहर के लोगों को रोजगार मिलेगा शहजादा आसिफ और उनके पुत्र वासिफ यार खान ने संयुक्त रूप से शहर की पहचान दिलाने और यहां आने वाले पर्यटकों को पुरातात्विक स्मारकों की जानकारी के लिए एक पुस्तक बुरहानपुर गाइड के नाम से प्रकाशित की है जिसमें शहर की सभी धर्मों से जुड़ी ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्मारकों को सचित्र प्रकाशित कर उनका इतिहास भी लिखा है जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मील का पत्थर साबित होगी इस पत्रकार वार्ता में पुस्तक का भी विमोचन उनके द्वारा किया गया 7 जून मंगलवार को मुमताज फेस्टिवल के अवसर पर एक सेमिनार दोपहर 12 बजे मैक्रो विजन अकैडमी हॉल में रखा गया है जिसमें देश के चुनिंदा विद्वान पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण पर अपने शोध रखेंगे इसके बाद रात्रि में स्थानीय गुलमोहर मार्केट परिसर में एक ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन होगा जिसमें देश के प्रख्यात शायर इसमें अपने कलाम पेश करेंगे।

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