बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) नौतपा का विशेष महत्व होता है। ज्येष्ठ माह में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा आरंभ होता है। यह नौ दिनों की वह अवधि होती है जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर तीव्रतम होती हैं और मौसम में तीखी गर्मी, लू और तपिश का एहसास कराती है। पृथ्वी सूर्य की तपिश को सोखती है, जिससे आगे चलकर मानसून सक्रिय होता है और वर्षा होती है। परंपरागत रूप से नौतपा में तेज धूप, गर्म हवाएं और तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है, जो लोगों के लिए असहनीय होती है। लेकिन इस बार नौतपा की शुरुआत सामान्य परंपरा से कुछ हटकर अलग तरह से हुई है। कई क्षेत्रों में नौतपा के पहले ही दिन से बादल छाए हुए हैं, और कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव जलवायु परिवर्तन और वायुमंडलीय अस्थिरता का परिणाम हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय दबाव प्रणालियों के कारण ऐसी परिस्थिति बनी है जिसमें गर्मी की बजाय बादल और वर्षा का आगमन हो रहा है। यह समय से पहले मानसून के संकेत भी हो सकते हैं। हालांकि बूंदाबांदी से लोगों को राहत तो जरूर मिली है, लेकिन कृषि और मानसून की नियमितता पर इसका असर पड़गा । यदि तापमान में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हुई तो मानसून की तीव्रता कम हो सकती है। ऐसे में यह देखा जाना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी दिनों में मौसम कैसा रूप लेता है। बदलते मौसम की यह अनिश्चितता हमें प्रकृति के प्रति सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता बताती है।