बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले से होकर बहने वाली ताप्ती नदी क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाती है। सिंचाई कार्य के लिए इसका उपयोग होता है हाल के दिनों में ताप्ती नदी का जलस्तर चिंताजनक रूप से घटता जा रहा है। इसका सीधा असर स्थानीय कृषि पर पड़ता दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों और किसानों के अनुसार, सिंचाई विभाग द्वारा जल संरक्षण या पानी को रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। नतीजतन, नदी के जलस्तर में निरंतर गिरावट हो रही है, जिससे क्षेत्र के कुएं, बावड़ियाँ और अन्य जल स्रोत भी सूखने की कगार पर हैं। इससे आगामी खरीफ फसल की बुवाई पर खतरा मंडराने लगा है। क्षेत्रीय किसान पहले ही बदलते मौसम और वर्षा की अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। अब जलस्रोतों के सूखने से उनकी समस्याएँ और अधिक बढ़ गई हैं। यदि जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में बुरहानपुर क्षेत्र को जल संकट और कृषि उत्पादन में भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जब बुरहानपुर जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित हो चुका है ऐसे में इस की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई विभाग को चाहिए कि वे नदी में जल प्रवाह बनाए रखने हेतु उचित उपाय करें। ताप्ती नदी का संरक्षण ही क्षेत्र की समृद्धि की कुंजी माना जाता है क्योंकि वर्तमान में नगर निगम के द्वारा पेय जल को लेकर इस नदी के माध्यम से जल आवर्धन योजना प्रारंभ की गई है जो आगामी दिनो में शहर के लिए पेय जल उपलब्ध कराने का साधन भी होगी ।