बेड पर गुड की राजनीति भारी अफसरों के बंधे हाथ

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) साफ स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का दावा करने वाली पार्टी के नेताओं का संरक्षण प्राप्त होने के चलते गुड पर अब तक कोई बेड कार्यवाही नहीं हो सकी यहां यह और बात है कि इसी पार्टी का एक गुट बेड कार्यवाही करना चाहता है परंतु अभी गुड का लक भारी है। इस गुड से यह पहली बेड खबर नहीं इस से पहले भी बेड खबरें आई जिम्मेदार कार्यवाही को तभी तैयार थे जब लेकिन अंदरूनी राजनीति के चलते सब टाई टाई फिश, सरकार एक और बेसमेंट में व्यावसायिक के खिलाफ है लेकिन शहर में बेसमेंट में भी मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं यह सब राजनीति का ही चक्कर है अस्पताल नर्सिंग होम के संचालन के कड़े नियम है पर सब ताक में रखकर इस कहावत को चरितार्थ करते हैं कि सैया भय कोतवाल तो फिर डर काहे का क्योंकि ऐसे अस्पताल और नर्सिंग होम तब ही संचालित होते हैं जब उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता है और फिर मौत पर राजनीति करना यह राजनीति का पुराना खेल है, यहां कोई मरे या फिर जिए राजनेताओं को तो अपनी राजनीति से मतलब गुड के मामले में बेड कार्यवाही तैयार है लेकिन इस मामले में राजनीति के दो गुट आमने-सामने है इसी के चलते मामला अधर में अटका हुआ है देखें गुड की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है।

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