बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शहर के सुरक्षा कवच पर परकोटे की 8 किलोमीटर दीवार जो पर्यटन और पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है हेरिटेज को लेकर अनेक कार्यक्रम चलाए गए पुरातत्व विभाग परकोटे की सुरक्षा और सुंदर बनाने के लिए लाखों खर्च करता है और इस सब की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है परंतु सैयया भय कोटवार तो फिर डर काहे का इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए नगर निगम के द्वारा राजपुरा गेट के निकट परकोटे के एक बड़े भाग पर जेसीबी चलाकर उसे तोड़े जाने से पुरातत्व प्रेमी दुखी है इस कार्यवाही को करने से पूर्व नगर निगम द्वारा पुरातत्व समिति की मंजूरी सहमति तक नहीं ली गई जो आश्चर्यजनक है परकोटे पुरातत्व विभाग के संपत्ति है इसका संरक्षण संगठन करना स्थानीय निकाय की जवाबदारी है लेकिन इस प्रकार बुलडोजर चला कर तोडऩा अपराध की श्रेणी में माना जाता है परकोटे की दीवार को पूर्व में नुकसान पहुंचाने वालों पर आपराधिक मामले भी दर्ज हुए हैं भला ऐसे में नगर निगम का यह कृत पुरातत्व प्रेमियों को दुखी कर रहा है निगम द्वारा जिस स्थान पर मार्ग सकडा होना बता रहा है वहां डिवाइडर के बीच से रास्ता छोडा जाना है फिर मार्ग सकडा होने जैसी कोई बात ही नही, परकोटा शहर और हैरीटेज की पहचान है जिसका संरक्षण किया जाना चाहिए, परंतु मात्र डिवायटर के लिए पुरातत्व सम्पत्ती को नष्ट करना हैरीटेज को नुकसान पहुंचाना है, और वह भी ऐसे समय में जब बुरहानपुर के विभिन्न स्मारको को हैरीटेज में शामिल कराने की जद्दोजहद जारी है।