बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शहर विकास के लिए स्थाई निकाय में चुने हुए जनप्रतिनिधि तो है परंतु वह केवल अपने पद को खुश करते नजर आ रहे हैं विधानसभा चुनाव से बहुत पहले परिषद की बैठक आहूत की गई थी जिस मे भी शोर शराबे के बाद कुछ खास परिणाम सामने नहीं आए आचार संहिता को समाप्त हुए भी लगभग 1 महीने होने को है परंतु अब तक परिषद की बैठक को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है सत्ता पक्ष तो सत्ता पक्ष है पर विपक्ष के नाम पर बैठे जन प्रतिनिधि भी खामोश तमाशा देख रहे हैं जनता है कि अपनी अनेकों समस्याओं और उम्मीद को लेकर आस लगाए बैठी है परंतु कहीं कोई काम नहीं गली से लेकर सड़क तक बुरे हाल है सफाई का मामला हो या फिर सड़क बत्ती की बात सब चौपट है वार्डो के विकास को लेकर केवल योजनाएं बनाई जाती है पर उन पर काम नहीं इस सब को लेकर विपक्ष के पार्षद भी चुप्पी साधे हैं क्योंकि उनके नेता के ही वांदे हैं जो है उन्हें पार्टी पॉलिटिक्स के बाहर का रास्ता दिखाया गया है फिर अलमदार बिना अलमदार सब सुना लेकिन जनता ने तो उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा फिर भी वह खामोश तमाशा देख रहे हैं जनता है कि निगम के छोटे-छोटे कार्यों के लिए परेशान है अफसर शाही का बोलबाला है अधिकारियों के नए-नए नियम कायदों से आमजन राशन कार्ड जन्म मृत्यु समग्र आईडी जैसे अनेकों कार्य के लिए परेशान है लेकिन इन जनप्रतिनिधियों को इसकी चिंता नहीं वह तो मेंबर साहब बनकर खुश है।