बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) चुनाव प्रचार की तेज रफ्तारी नेताओं के नाम का प्रचार इसमें पार्टी और जन सामान्य के मुद्दे गायब है धुआंधार प्रचार में क्या निर्दलीय क्या पार्टी उम्मीदवार सभी आमजन की समस्याओं को भूल केवल एक दूसरे को पछाड़ने की राजनीति में लगे हैं चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जा रहा है यह चुनाव मैदान से गायब बेरोजगारी महंगाई शिक्षा जन स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर किसी का कोई ध्यान नहीं है गरीबों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं भी उन तक नहीं पहुंच रही है नेताओं को इसकी कोई चिंता नहीं आम आदमी बेरोजगारी महंगाई से परेशान है लेकिन चुनाव से ऐसे मुद्दे गायब है पार्टी प्रत्याशी से लेकर निर्दलीय प्रत्याशियों का कोई मेनिफेस्टो नहीं है बस अपनी-अपनी ढपली अपना अपना राग अलाप वोट की गुहार लगा रहे हैं आम जनता अनेक परेशानियों से जूझ रही है लेकिन इन समस्याओं पर किसी का कोई ध्यान नहीं है बुरहानपुर शहर पावरलूम बीड़ी का शहर है यहां दोनों ही उद्योग के बुरे हाल है इसको लेकर किसी प्रत्याशी का ध्यान नहीं है शहर का पावरलूम उद्योग मंडी के दौर से गुजर रहा है उसे मिलने वाली बिजली महंगी दरों पर मिल रही है स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मात्र एक जिला अस्पताल है जो स्वयं बीमार है यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते हैं यहां पहुंचने वाले मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है उच्च शिक्षा के नाम पर शासकीय कॉलेज तो है परंतु इनमें विभिन्न फैकल्टी नहीं होने से शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को इंदौर जलगांव भोपाल पलायन करना पड़ रहा है ऐसे संवेदनशील मुद्दे नेताओं के प्रचार से नतारत है बस व्यक्तिगत प्रचार और विकास करेंगे के नारे गूंज रहे हैं लेकिन विकास कैसा करना है यह नहीं मालूम बस सत्ता पाने के लिए होड़ मची हुई है।