बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) लोकायुक्त इंदौर के द्वारा एसडीएम नेपानगर कलेक्टर बाबू किशन कनेश एवं अन्य एक दलाल पर मामला दर्ज हुआ है बुधवार शाम को लोकायुक्त इंदौर ने दो बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया पहली कार्यवाही में नेपानगर एसडीएम कार्यालय में आदिवासी की जमीन तरीके से बिक्री और नामांतरण तो दूसरा मामला खकनार के आजक कार्यालय में लेखापाल के द्वारा एक रिटायर शिक्षक से रिश्वत मामले में पंजीबद्ध हुआ है लोकायुक्त की डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने आदिवासी भूमि मामले में एक लाख रिश्वत लेते बाबू किशन कनेश एवं एक अन्य दलाल सूर्यपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता नितिन पिता शंकर सेन ने आरोप लगाए थे कि एसडीएम के बाबू के माध्यम से उसे धमका कर रुपयों की मांग की गई थी बाबू ने तीसरे व्यक्ति के माध्यम से रुपए लिए जिसे लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा दूसरा मामला खकनार के आज्क कार्यालय का है जहां एक रिटायर शिक्षक से उसकी सर्विस का पैसा निकालने के नाम पर लेखापाल रामचरण पटेल ने 30,हज़ार की रिश्वत मांगी यह राशि देते हुए लोकायुक्त पुलिस ने लेखापाल को भी रंगे हाथों धर दबोचा नेपानगर एसडीएम दीपक चौहान का नाम सामने आने पर पुलिस ने उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आरोपी बनाया है यह बड़ा संयोग है कि नेपानगर की तत्कालीन एसडीएम विशावादवानी को भी 5 माह पूर्व भ्रष्टाचार के मामले में 40 लाख की शासकीय योजनाओं में हेरा फेरी को लेकर हटाया गया उनके खिलाफ भी गबन का मामला दर्ज हो कर न्यायालय में लंबित है और अब उनके बाद नेपानगर एसडीएम का पदभार ग्रहण करने वाले डिप्टी कलेक्टर दीपक चौहान भी भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त के हत्थे चढ़े हैं। लोकायुक्त की इस कार्यवाही से स्पष्ट है कि जिले में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला है क्या अफसर क्या बाबू निडर होकर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन्हें नौकरी जाने और कानून का कोई डर नहीं है।