सबका साथ सबका विकास आपसी भाईचारे और प्रेम को बढ़ाना देश की गौरवशाली परंपरा

0
53


बुरहानपुर ( अकील ए आज़ाद) हम हिंदुस्तानियों के लिए आपसी भाईचारा और रवादारी, सबसे ज़रूरी है, हमारे देश में हर मजहब,धर्म और जातियों के फूल खिलते हैं, हम हिंदुस्तानी प्रेम के धागे में बंधी हुई एक खूबसूरत माला हैं, यह वक्तव्य सूफी खानका एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने जारी करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण, को बढ़ावा देने वाले कार्य किसी हादसे की वजह से किए जाए बल्कि सदियों से आपसी भाईचारे और प्रेम को बढ़ाने की, हमारे देश की परंपरा रही है,उन्होंने भारत की महान विभूतियों मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चंद्रजी, योगिराज श्री कृष्ण, महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी इन सभी ने मानवता पर आधारित अपने विचारों को, भारत के कोने कोने में पहुंचाने का कार्य किया है। I इन महापुरुषों के बाद हजारों सूफियों ने, पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के लाए, दीन ए मोहम्मदी के पैगाम, पैगामे मोहब्बत को इस मुल्क में बखूबी पेश किया। जिसमे हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, बाबा फरीद हजरत महबूब ए इलाही, और हजरत अमीर खुसरो रहमहुल्लाह अलैह तथा बाबा गुरुनानक, कबीरदास जी, तुलसी दास जी जैसे संतों ने जो मोहब्बत के गीत गाए, वो हमारी सांझी विरासत हैं, इनकी कामयाबी का राज़ सबको साथ लेकर चलना ही सबका साथ सबका विकास है। और इसी से देश में एकता और अखंडता कायम होगी और हम विकास के मार्ग पर चल सकेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here