मणिपुर हिंसा मामले मेंनफरत फ़ेलाने के बजाय शांति पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक

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बुरहानपुर ( अकील ए आज़ाद) गत दिनों मणिपुर में दो समुदाय के बीच हुए हिंसा को सांप्रदायिक रूप देना देश की शांति और अखंडता के लिए अनुचित माना जा रहा है इस मामले में जानकार यह मत रखते हैं कि अब तक जो निष्कर्ष सामने आए हैं उसमें यह देखा गया है कि मणिपुर में हिन्दू मैतई और ईसाई कुकी दो समुदाय के बीच हुए आपसी विवाद के चलते मैतई और कुकी समुदाय के धर्म स्थलों को नुकसान पहुंचाने के साथ आपस में एक दूसरे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आगजनी जैसी घटनाओं को राष्ट्र विरोधी हवा देकर दोनों समुदाय के बीच नफरत फैलाकर मणिपुर में अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं जो नफरत की राजनीति का प्रमाण है मणिपुर कुकी और मैतई समुदाय के बीच कुछ राष्ट्र विरोधी संगठन के साथ मीडिया की भूमिका को भी निष्पक्ष रोल अदा करने की जरूरत है यहां वर्तमान में एक दो समुदाय के बीच घटित घटनाओं में प्रभावित हुए लोगों की मदद और उनके पुनर्स्थापना पर ध्यान देना दोनों समुदाय के बीच सौहार्द का वातावरण स्थापित कर शांति कायम करना पहली आवश्यकता है सरकार के द्वारा मणिपुर हिंसा में प्रभावित होने वाले दोनों समुदाय के लोगों की पुनर्स्थापना के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं इस हिंसा में दोनों समुदाय के लोग समान रूप से प्रभावित हैं जिनके लिए राहत शिविर लगाकर समान रूप से प्रयास किए जा रहे हैं सरकार की ओर से हिंदू मैतई और ईसाई कुकी दोनों पक्षों में समान रूप से जारी है मणिपुर के हिंसा कुकी बहुल क्षेत्र चुराचांदपुर से हुई जो धीरे-धीरे राज्य के कई जिलों में फेल कर पूरे मणिपुर राज्य को प्रभावित किया लेकिन सरकार के प्रयासों से इस पर सखती से काबू पाकर राज्य में शांति व्यवस्था को बहाल किया है मणिपुर के मैतई और कुकी समुदाय के बीच हुए विवाद से जहां मणिपुर राज्य प्रभावित हुआ अपितु मणिपुर के दो समुदाय के बीच जैसा कोई विवाद अन्य राज्यों में नहीं फैले सरकार इसके प्रयास कर रही है साथ ही देश विरोधी ऐसे संगठनों पर भी अपनी पैनी नजर जमाए हुए हैं ताकि कोई भी धर्म समुदाय देश की एकता और अखंडता को नुकसान नहीं पहुंचा सके जानकार मणिपुर की इस घटना को दो समुदाय के बीच होने वाली घटना तो मानते हैं साथ ही यह ही आवश्यक है कि देश भर में अनेक समुदाय निवास करते हैं उनके बीच आपसी सौहार्द बना रहे इसके प्रयास की जाना चाहिए।

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