पहले से चरमुराई स्वास्थ्य व्यवस्था के संविदा हडताल ने और बिगाडे हालात मरीज परेशान

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) कोरोना काल में जिन स्वास्थ्य कर्मचारीयों को शासन ने योद्धा का दर्जा देकर उन्हें सम्मानित किया था कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मचारीयों के साथ संविदा स्वास्थ्य कर्मीयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी अब अपने नियमतिकरण को लेकर शासन से गोहार लगाकर सप्ताह भर से हडताल पर है, कोरोना काल में मुख्यमंत्री ने इन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया था वहीं मुख्यमंत्री अब इन कर्मचारीयों की गोहार अनसुनी कर रहे है, जब कि ताजा हालात में कोरोना को लेकर फिर चिंता जताई जा रही है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारीयों के हडताल पर होने से जिला अस्पताल सहित मैदानी कार्य प्रभावित है, जिला अस्पताल के टीबी विभाग पूरी तरहां बंद हो गया है, यहां सभी कर्मचारी संविदा पर कार्य कर रहे है ऐसे में यहां आने वाले मरीजो को बैरंग लौटना पड रहा है, नई जांच के साथ ही नियमित मरीजो को दवा गोली नही मिलने से उनके उपचार पर ब्रेक लग गया है परंतु जिला अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है यहां पदस्थ संविदा कर्मचारी हडताल के चलते आंदोलन में शामिल है, सप्ताह भर से संविदा कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगो के समर्थन में कभी नारेबाजी कर रहे तो कभी रैली निकालकर तो कभी थाली बजाकर तो कभी जल सत्याग्रह कर शासन का ध्यान अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे है। गुरूवार को इन संविदा कर्मचारीयों ने ताप्ती नदी के जल में खडे होकर आंदोलन किया चार सौ से अधिक कर्मचारी जिन में डाक्टर टेक्नीशयन डाटा ऑपरेटर व अन्य कर्मचारी है जो आंदोलन कर रहे है परंतु कोरोना योद्धाओं की आवाज मुख्यमंत्री तक नही पहुंच रही है उन्होने अपना योद्धा का सम्मान भी मुख्यमंत्री को वापस भेज दिया है अब वह ऐसे में आरपार की लडाई लड रहे है अब देखना है मुख्यमंत्री जी क्या र्निणय लेते है, यह भी सच है कि स्वास्थ्य विभाग की बडी जिम्मेदारी यह संविदा कर्मचारी उठा रहे है अगर इन्हें नियमित नही किया ओर मांगे नही मानी तो स्वास्थ्य विभाग की सेहत पर बुरा प्रभाव पडेगा और यह लाचर व्यवस्था और लाचर हो जाऐगी जिस का भुगतान मरीजो को भुगतना पडेगा।

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