गणेश विसर्जन चल समारोह दो अलग-अलग मार्गों से निकला डीजे पर रहा प्रतिबंध

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर समाप्त हुआ। शहर के विभिन्न भागों में स्थापित छोटी बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए प्रशासन की ओर से दो अलग-अलग व्यवस्था की गई थी जिसके तहत छोटी एवं 12 फीट से कम ऊंचाई वाली प्रतिमाओं का चल समारोह शहर के मध्य भाग से होकर राजघाट और नागझिरी घाट पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया जबकि 12 फीट से अधिक ऊंचाई वाली प्रतिमाओं को सिंधीपुरा सुभाष चौक गांधी चौक कमल टॉकीज होकर नेहरू प्रतिमा जयस्तंभ शनवारा सिंधी बस्ती रेणुका माता होते हुए हतनूर पुल से ताप्ती नदी में किया गया। यह व्यवस्था प्रशासन की ओर से इस कारण की गई के गणेश स्थापना के समय व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने के चलते शहर के 70% से अधिक भाग में विद्युत सप्लाई 12 घंटे से भी अधिक समय तक बंद होने से शहरवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था अनंत चतुर्दशी पर ऐसा नहीं हो इसके लिए प्रशासन ने पूर्व से ही नई व्यवस्था कर चल समारोह के दो रूट बनाकर विसर्जन की व्यवस्था की है तथा साथ ही प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि आगामी वर्षों में केवल 12 फीट की मूर्ति ट्राली सहित होगी जिससे समारोह में किसी प्रकार का व्यवधन नहीं होगा। अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले चल समारोह में प्रशासन की ओर से डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया तथा शहर में चाक व चौबंद व्यवस्था के लिए पुलिस की ओर से 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे शहर सहित विसर्जन स्थलों पर लगाकर निगरानी की व्यवस्था की गई ताकि किसी भी स्थिति पर नजर बनी रहे। शुक्रवार को निकलने वाले चल समारोह की निगरानी जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा की गई प्रतिमा विसर्जन चल समारोह देर शाम शुरू हुआ जो शनिवार दोपहर तक चलने की उम्मीद की गई है।

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