निगम सभापति को लेकर राजनीति हुई तेज़ भाजपा कांग्रेस बटी है गुटों में

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) निगम चुनाव के बाद अब नवनिर्वाचित महापौर और पार्षदों के शपथ विधि एवं प्रथम सम्मेलन की तारीखों की घोषणा के बाद अब राजनीति भी तेज हो गई है घोषित कार्यक्रम के अनुसार 7 अगस्त रविवार को महापौर और पार्षदों का शपथ गठन समारोह आयोजित होगा और 8 अगस्त सोमवार को निगम का प्रथम सम्मेलन होगा जिसमें निगम सभापति का चुनाव होना है बावजूद इसके अब भी भाजपा कांग्रेस गुटों में बटी नजर आ रही है और यही कारण है कि अब तक दोनों राष्ट्रीय दलों की ओर से कोई भी नाम अधिकृत रूप से सभापति के लिए सामने नहीं आया है निगम सभापति के लिए कांग्रेस का कोई नाम सामने नहीं आया है जबकि भाजपा में संघ और हिंदू संगठनों से जुड़े पार्षदों के नाम सामने आए हैं निगम सभापति के इस चुनाव में भाजपा कांग्रेश दोनों स्पष्ट बहुमत से दूर हैं और दोनों की निगाहें निर्दलीयों पर टिकी हुई है इसको देख निर्दलीय एकजुट होते नजर आ रहे हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है ।कि ऐन वक्त पर बड़ा खेला हो सकता है इस खेला का पूरा दारोमदार नगद नारायण पर निर्भर होगा और यही वजह है कि अब तक निर्दलीयों की बाडाबंदी भी नहीं हुई है अब जबकि निगम सभापति के चुनाव को मात्र तीन दिवस शेष हैं सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से जिन पार्षदों के नाम अब तक सामने आए हैं उनकी भी स्थिति ऐसी नजर नहीं आ रही है वही निगम सभापति चुनाव को लेकर निर्दलीय बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं अब ऐसे में निगम सभापति का यह चुनाव किस करवट होगा यह कहना अभी मुश्किल है कॉन्ग्रेस निगम सभापति के चुनाव को लेकर केवल दावा कर रही है कांग्रेश के दोनों गुटों से नेताओं की खामोशी कुछ और ही कह रही है जबकि भाजपा अपने पर्यवेक्षकों से विचार विमर्श के बाद नाम तय करने की बात कह रही है गुरुवार को पर्यवेक्षकों के साथ बैठक और पार्षदों की एक राय तथा निर्दलीयों से गोटी फिट होने के बाद ही नाम सामने आने की उम्मीद की जा रही है।

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