बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मंदी के दौर से जूझ रहे पावरलूम उद्योग और उस पर तैयार होने वाले सूती कपड़े को बजट से बहुत उम्मीद थी लेकिन मंगलवार को संसद में पेश हुए आम बजट में टेक्सटाइल उद्योग को लेकर कोई खास स्थान नहीं मिला बजट में टैक्सटाइल पार्क खोलने का उल्लेख तो किया गया है पर यह पार्क कहां खुलेंगे इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सूती कपड़े के उत्पादन के लिए जाने जाने वाला बुरहानपुर और यहां के इस उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों को टेक्सटाइल के क्षेत्र में बहुत कुछ उम्मीद थी पर बजट में कुछ नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है लंबे समय से बुरहानपुर का पावरलूम उद्योग मंदि के दौर से गुज़ार रहा है यहां का उद्योगपति टेक्सटाइल में बड़ी पूंजी लगा रखा है लेकिन मंदी के चलते उससे उबरने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है आसमान छूते सूत के दाम तैयार कपड़े में मंदी ने घाटा बढ़ाया है उस पर टैक्स की मार बाजार को उबरने का कोई मौका नहीं दे रही है आमतौर पर बजट में जहां मध्यमवर्गीय लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है परंतु 2022 – 2023 के इस बजट में दूरदर्शिता को बढ़ावा देकर आम आदमी की दैनंदिनी आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया है बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के कोई उपाय बजट में नहीं है जबकि पेट्रोल पर ड्यूटी बढ़ाने से महंगाई और बढ़ेगी टैक्स स्लैब में कोई रियायत नहीं जिससे आम बजट में गरीब एवं मध्यम वर्गीय को कुछ नहीं मिला बजट में टेक्सटाइल को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इसमें कोई छूट अवश्य मिलेगी जिससे मंदी के दौर से गुजरने वाला यह उद्योग गति पकड़ेगा लेकिन केंद्र के इस बजट ने उद्योगपतियों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है।