बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) 27 प्रशित आरक्षण पिछड़ा वर्ग को न मिले इसका प्रयास कांग्रेस ने किया। पिछड़ा वर्ग में भ्रम फैलाने के लिए कांग्रेस ने षडयंत्र रचा। कैबिनेट का निर्णय हुआ कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए ताकि लाभ हो तो सभी को हो। पार्टी पूरी तरह पिछड़ वर्ग के साथ खड़ी है। कांग्रेस का रिकार्ड रहा है कि काम किसी से कराएगी और बैठाएगी किसी और को। समान अधिकार भाजपा में मिलता है।
यह बात सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने रविवार को भाजपा द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। इस दौरान निवृत्तमान महापौर अनिल भोंसले ने कहा कि कांग्रेस में नेताओं को पदों से मंत्रीमंडल से हटाया जाता है, कहीं का नहीं रखा जाता। पिछड़ा समाज को पीछे करने की रणनीति कांग्रेस की दिखती है। जबकि भाजपा जो कार्य करती है वह कथनी और करनी में अंतर नहीं करती। हमारे सांसद पिछड़ा वर्ग से है। जो हमारी पार्टी बोलती है वह करती है।
*कांग्रेस ने पिछड़ावर्ग की पीठ पर छुरा घोंपने का प्लान तैयार किया*
इस दौरान पूर्व महापौर अनिलभाऊ भोसले ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की भूमिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पिछड़ा वर्ग की पीठ पर छुरा घोंपने का पूरा प्लान तैयार किया है। जब पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई थी तो कांग्रेस को उसमें व्यवधान डालने की क्या आवश्यकता थी। दरअसल कांग्रेस के निशाने पर चुनाव के नियम कायदे, पिछड़ा वर्ग को नीचा दिखाने के मंसूबे थे। कांग्रेस को सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग जैसी संवैधिानिक संस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है। कांग्रेस का भरोसा सिर्फ समाज को बांटो और राज करो नीति पर है। कांग्रेस नहीं चाहती कि पिछड़ा वर्ग और अन्य पीछे रह गए समाजों को राजनीतिक और आर्थिक बराबरी का दर्जा मिले।
*पंचायत चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ हो*
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास चाहती है। यही कारण है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ हो। यही कारण है कि विगत 26 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई जिसमें कैबिनेट ने अपने ही अध्यादेश को वापस लिया। साथ ही प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पवास भेजा। जिसके बाद पंचायत चुनाव निरस्त हुए। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग को लेकर कांग्रेस के सबसे बड़े षडयंत्र का खुलासा तभी हो गया था जब उसकी सरकार ने विधानसभा को लिखित में बताया कि मप्र में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत है। इसी आधार पर सरकारी नौकरियों में ओबीसी समाज आरक्षण से वंचित रह गया। उन्होंने कहा कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कदम गत लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसलिए उठाया था जिससे उन्हें लोकसभा में पिछड़ा वर्ग के वोट प्राप्त हो सके।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष अरुण पाटिल, जिला महामंत्री डॉ. मनोज माने, डॉ. दीपक वाभले, रुद्रेश्वर एंडोले, गजेन्द्र पाटिल सहित अन्य मौजूद रहे।