बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सुशासन का पाठ पढाऩे वाली भाजपा में जिला अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की खींचतान के आभास को देखते हुए अब इस पद पर नियुक्ति मंडल अध्यक्षों और मंडल प्रतिनिधियों के द्वारा किए जाने से राजनीतिक उठा पटक तेज हो गई है। जिले के दो विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस और मंजू दादू के साथ सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के समर्थकों के बीच इस पद का फैसला होना है अब तक भाजपा में सर्वनुमति से अधिक प्रभाव वाले नेता के चेहते ही यहां तक पहुंच पाए थे लेकिन सुशासन वाली इस पार्टी में पद को लेकर कोई रशा कशी नहीं हो इस के लिए इस पद के लिए आयु सीमा भी तय कर दी गई है साथ ही मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधि जिसके नाम पर मोहर लगाएंगे वही व्यक्ति जिला अध्यक्ष होगा। यहां भी आयु सीमा तय करने से तथा आपसी असमंजस बनाने के लिए पहली बार मंडल प्रतिनिधि नियुक्त किए गए है जो अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो जाएंगे वह मंडल प्रतिनिधि बनकर अंदर होंगे दो विधायकों और संासद के चेहतो के बीच से ही कोई एक व्यक्ति अध्यक्ष होगा इसकी आपसी सहमति कैसे बने जबकि संासद और विधायक के गरीबी मंडल अध्यक्षों में अंतर है, सांसद चाहते हैं कि उनका कोई करीबी जिला अध्यक्ष बने तो वही बुरहानपुर विधायक भी कुछ ऐसा ही चाह रही है, वर्तमान अध्यक्ष डॉ मनोज माने उनके गुट से ही जिला अध्यक्ष बने थे उनकी पहली कोशिश तो यही थी कि वह पुन: जिला अध्यक्ष बन जाए परंतु पार्टी की नई गाइड लाइन के अनुसार दोबारा कोई जिला अध्यक्ष नहीं बनेगा अभी ऐसे में यह ताज किसी अन्य के सर होने की पूरी उम्मीद है इसके लिए अब तक जो नाम सामने आए हैं वह योग्य तो है पर सांसद विधायक के बीच आपसी समंजस बैठ जाए तो ठीक है लेकिन इसके लिए अभी कुछ समय इंतजार करना होगा तभी तस्वीर साफ होगी।