बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां धीरे-धीरे तेज होने के साथ ही यह मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है भाजपा कांग्रेस के बीच निष्ठावान कांग्रेस से अल्पसंख्यक प्रत्याशी के मैदान में उतारने के साथ भाजपा के बागी भी मैदान में है जिससे भाजपा और कांग्रेस का गणित प्रभावित होकर मुकाबला चतुष्कोनिया होता दिखाई दे रहा है कांग्रेस से लगातार अल्पसंख्यक प्रत्याशी की मांग के बाद भी कांग्रेस आला कमान ने निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह को टिकट दिया है जिससे क्षेत्र का अल्पसंख्यक मतदाता कांग्रेस से नाराज है और निष्ठावान कांग्रेस के नाम से अपना प्रत्याशी उतार रहा है जो कांग्रेस के गणित को गड़बड़ देगा बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख बीस हज़ार से अधिक मुस्लिम अल्पसंख्यक मतदाता है इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन रैली में साथ आए मोमिन जमात के अध्यक्ष पापा सेठ ने मीडिया से चर्चा में बताया कि मोमिन जमात कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करेगी वह इसके लिए समाज जनों से अपील करेंगे वहीं दूसरी ओर भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी अर्चना चिटनीस के सामने भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में हर्षवर्धन चौहान निर्दलीय के रूप में मैदान में है उनके साथ भाजपा के अनेक नेता और पार्षद भी खुलकर उनके साथ होने से यहां भाजपा को बड़ा नुकसान का अंदेशा है भाजपा और कांग्रेस की जीत के सामने निष्ठावान कांग्रेसी का अल्पसंख्यक प्रत्याशी और भाजपा के सामने भाजपा से बागी निर्दलीय अरोड़ा बनकर सामने खड़ा है इस स्थिति से जहां अधिकृत प्रत्याशी परेशान है तो क्षेत्र का आम मतदाता भी साको श्चोपंच में फंस कर रह गया है कि वह किसे अपना प्रतिनिधि चुने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय के रूप में नामांकन भरने वाले हर्षवर्धन सिंह चौहान का कहना है कि विधानसभा में उन्हें टिकट देने का भाजपा ने वादा किया था परंतु एन वक्त पर उन्हें टिकट नहीं दिया गया जो उनके साथ धोखा है इसी प्रकार कांग्रेस ने भी क्षेत्र के अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज किया है जिसके चलते विरोध स्वरूप वह अपना प्रत्याशी मैदान में उतार रहे हैं बहरहाल अभी चुनावी मतदान को दो सप्ताह का समय है इस बीच भाजपा कांग्रेस रूठों को मनाने में कितनी सफल होती है यह तो समय तय करेगा परंतु अभी तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मुकाबला चतुष्कोणीय होगा और परिणाम भी 2018 जैसे हो सकते हैं।