बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा प्रतिवर्ष शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पताल तक सर्वेक्षण टीम अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का आकलन कर स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मचारियों सहित नर्सिंग स्टाफ के साथ चर्चा कर अस्पताल में आने वाले मरीजों को दी जाने वाली दवाई गोली व अन्य उपचार की सुविधाओं की जानकारी लेकर आवश्यक टिप दी जाती है जिसमें विशेष रूप से मरीजों को दी जाने वाली दवा गोली पर उसे किस प्रकार लेना है इसका स्टिकर लगाकर देना वार्डों में आने वाले गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर ऑक्सीजन किस प्रकार देना यह बात टेक्नीशियन स्टाफ के साथ शेयर कर जानकारी ली जाती है साथ ही अस्पताल के ओटी में आवश्यक तकनीकी उपकरण और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति आदि को देख आवश्यक दिशा निर्देश टीम के द्वारा दिए जाते हैं जिन पर अमल होना आवश्यक होता है परंतु टीम अपना निरीक्षण कर लौट जाती है परंतु टीम के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश भी उनके साथ हवा हो जाते हैं और अस्पताल प्रशासन दवा गोली वितरण से लेकर वेंटीलेटर ऑक्सीजन व अन्य तकनीकी स्टाफ की गैर मौजूदगी में संचालित करता है जहां टीम के निर्देशों पर दवा गोली पर उसे किस प्रकार खाना है इसका स्टीकर लगाना आवश्यक है परंतु यहां ऐसा नहीं होता इसी प्रकार वेंटीलेटर टेक्नीशियन नहीं होने से उनका उपयोग मरीजों के लिए मुश्किल है लेकिन अस्पताल प्रशासन सर्वेक्षण टीम के समक्ष साफ-सफाई पर फोकस कर अच्छा दिखाकर सर्वेक्षण की दौड़ में अव्वल आने के प्रयास करता है अस्पताल में आने वाले मरीज और उनको दी जाने वाली सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं देता है जिस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक के ऐसे में कायाकल्प टीम के सर्वे और उसके दिशा निर्देशों पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आता है।