बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) हर जाति और धर्म के विद्वानों का मानना है कि जब तक महिला शिक्षित और प्रशिक्षित नहीं होगी तब तक किसी भी देश की उन्नति संभव नहीं है और इसके लिए मां की गोद को एक यूनिवर्सिटी माना जाता है और इसके लिए एक मां का शिक्षित होना आवश्यक है। इस बदलते युग में महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है समाज के हर वर्ग की लड़कियां शिक्षा में आगे हैं लेकिन इसके बाद भी मुस्लिम समाज में लड़कियों की साक्षरता दर अब भी कम है जिसके पिछले कुछ रूढ़िवादी तत्व उन्हें आगे बढ़ने में बाधा डालकर रुकावटें खड़ी करते हैं जो इस समाज के लिए उचित नहीं है भारत देश में लैंगिक अंतर हमेशा से रहा है महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने तथा सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में लड़कियों और महिलाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता इसमें मुस्लिम महिलाओं की स्थिति और ज्यादा दयनीय है। इसको लेकर हाल के दिनों में जो स्टडी की गई उस में सामने आया कि पुरुष शिक्षा की तुलना में महिला शिक्षा सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अधिक महत्वपूर्ण है यहां या समझना भी जरूरी है कि यदि जिस देश की महिलाएं अशिक्षित होगी तो आधी आबादी अशिक्षित रह जाएगी। मुस्लिम जो भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्याक समुदाय है जो पूरी आबादी का 14% है मुस्लिम महिलाओं के शिक्षित होने की बात अगर जनगणना 2011 के संदर्भ में की जाए तो आधे से अधिक महिलाएं अशिक्षित हैं जो चिंता का विषय है जबकि देश की बहुसंख्यक महिलाओं की साक्षरता दर अधिक है यहां चिंता की एक और बात यह है कि मुस्लिम में ड्रॉपआउट की दर बहुत अधिक है जिसके पीछे माता-पिता के साथ आर्थिक कारण जुड़े हुए हैं। मुस्लिम धर्म में इस्लाम शिक्षा की आजादी महिला पुरुषों को समान रूप से देता है लेकिन यहां रूढ़िवादिता के चलते लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता समाज अगर अपने आर्थिक और पिछड़ेपन को दूर करना चाहता है तो वह लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दें। शिक्षा महिलाओं को अज्ञानता से मुक्त कर आत्मसम्मान और अपने जीवन में नियंत्रण रखने अपने परिवार की प्रगति का मार्गदर्शन करने में सक्षम बनाती है महिला समाज की रीढ़ मानी जाती है वह पुरुष की तरह ही महत्वपूर्ण है एक शिक्षित महिला एक बेहतर इंसान एक सफल मां और एक जिम्मेदार नागरिक हो सकती है। इसीलिए विद्वानों का मानना है कि यदि देश की समाज की उन्नति करना है तो महिला शिक्षा को बढ़ावा देना ही एकमात्र उपाय है जिस पर ध्यान देना चाहिए।